चित्तौड़गढ। बिरला कॉर्पाेरेशन लिमिटेड ने बीते दौर में बढ़ती लागत और कई अन्य चुनौतियों के बावजूद सितंबर तिमाही में अच्छा खासा लाभ दर्ज किया है। कंपनी ने मुकुटबन रैंप-अप, लागत में कमी, बिजली और ईंधन मिश्रण के प्रीमियमीकरण और अनुकूलन और ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण तथा मौसमी कारकों के बावजूद सितंबर तिमाही में लाभप्रदता में उछाल दर्ज किया है। तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड नकद लाभ रु 221 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 414 प्रतिशत अधिक है, और तिमाही के लिए शुद्ध लाभ रु 58 करोड़ था, जबकि एक साल पहले की तुलनीय अवधि में रु 56 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था। सितंबर 2023 के अंत तक छह महीनों के लिए, कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ एक साल पहले के 5 करोड़ रुपये के मुकाबले 118 करोड़ रुपये था।
इस मौके पर बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन हर्ष वी लोढ़ा ने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण बिजली और ईंधन लागत के झटके से उबरते हुए कंपनी ने पिछली तीन तिमाहियों में लगातार बेहतरी दर्ज की है। सीमेंट की कीमतें स्थिर रहने और हमारे कई मुख्य बाजार भारी बारिश और अन्य मौसमी कारकों से प्रभावित होने के बावजूद परिणाम प्राप्त हुए। यह कई मोर्चों पर हमारी रणनीति और पहल की पुष्टि करता है। क्षेत्र में कमजोर बाजार स्थितियों के बावजूद, मुकुटबन ऑपरेशंस का विस्तार योजना के अनुसार प्रगति कर रहा है। हम निकट भविष्य में अपने लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर हैं। सितंबर तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड राजस्व रु 2,313 करोड़ था, जो साल-दर-साल 13.3 प्रतिशत अधिक था, तिमाही के दौरान प्रति टन प्राप्ति रु 5,062 थी, जो कि बाजारों में नरम मूल्य निर्धारण स्थितियों के कारण, क्रमिक और साल-दर-साल मामूली रूप से कम थी। हालांकि, सितंबर तिमाही में मात्रा के हिसाब से बिक्री 14.8 प्रतिशत बढ़कर 4.18 मिलियन टन हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.64 एमटी थी। वहीं कंपनी की क्षमता उपयोग बढ़कर 83 प्रतिशत और सितंबर के अंत तक छह महीनों के लिए 87 प्रतिशत हो गया है। मुख्य रूप से कंपनी की सहायक कंपनी आरसीसीपीएल प्राइवेट लिमिटेड का एक प्लांट, मुकुटबन में उत्पादन में वृद्धि के कारण ये संभव हो पाया है।