रतलाम। खेती-किसानी में हमेशा से ही अनिश्चितताएं हावी रही हैं। अचानक मौसम बदलने से फसलों में नुकसान हो जाता है, जिससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडराने लगता है। रतलाम जिले में गेहूं और सरसों मैथी आदि की फसल पक कर तैयार होना है, लेकिन मौसम ने करवट लेकर किसानों की चिंताए बढ़ा दी है। सोमवार यानी की आज सुबह जहां अचानक मौसम बिगड़ने से में ठंडक बढ़ गई है और किसान गेहूं और सरसों मेथी सहित अन्य फसल को काटने की तैयारियां कर रहे है अगर ऐसे में अब मौसम बिगड़ा है तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
नहीं मिलता मुआवजा, कर्ज में दब जाते हैं किसान-
ऐसे कई किसान है जिनकी फसलों का बीमा नहीं करा पाते है। जिससे उनके फसलों के नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिल पाता हैं। ऐसी परिस्थिति में कई किसान कर्ज में दब जाते है, और उनको बहुत दिनों तक अपना कर्ज चुकाने में काफ़ी दिक्कत होती हैं, जिससे परिवार की हालत बिगड़ जाती हैं। फसल खराब होने के कारण किसानों के सामने भरण-पोषण की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। उन्हें समय मुआवजा नहीं मिलने से वे कर्ज में डूब जाते हैं।
मौसम के बदलते मिजाज से अस्पतालों में बढ़ी भीड़, एयर क्वालिटी भी सेहत के लिए बनी चिंता-
मध्यप्रदेश में बदलते मौसम ने लोगों की सेहत पर भी असर डाला हैं। जिससे लोगों को खांसी, सर्दी, आंखों में जलन और सांस फूलने की समस्या हो रही हैं। एमपी की राजधानी भोपाल में लगभग 2500 सौ एलर्जी मरीज रोजाना आ रहे है। वहीं एयर क्वालिटी के कारण यह समस्या और बढ़ जाती है। इन दिनों हवा हल्की ऊपर होकर चलती है जिसके कारण हवा में धूल-मिट्टी मिक्स हो जाते है। सर्दी-जुकाम से बच्चों के साथ-साथ हर वर्ग के लोग पीड़ित हैं। यह वायरल की वजह से है, इसमें नाक बहना, सिरदर्द, बुखार जैसे लक्षण पाए जाते हैं। हाल ही में मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।