पन्ना। बुंदेलखंड के आराध्य भगवान श्री जुगल किशोर जी को होली के बाद सखी वेश धारण करवाया गया है। भगवान के सखी वेष झांकी के दर्शन वर्ष में सिर्फ एक बार होली के बाद तृतीया के दिन ही होते हैं। इस दिन भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर गुलाल रूपी प्रसाद पाकर भगवान के साथ होली खेलते हैं।
दरअसल, पन्ना के श्री जुगलकिशोर मंदिर में मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर होली मनाने की वर्षों पुरानी परंपरा है। होली के बाद तृतीया पर भक्तों को अपने आराध्य के सखी वेश में दर्शन मिलते हैं।गुरुवार को भगवान जुगल किशोर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह से ही महिला श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान के सखी वेश को निहारने और उनके सानिध्य में गुलाल की होली खेलने उमड़ पड़ा।
फाग नृत्य और गुलाल उड़ाने का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ जो आज देर तक चलेगा। कृष्ण की भक्ति में लीन महिलाओं ने झांझ, मजीरों और ढोलक की थाप पर होली के गीत गाए और गुलाल उड़ा कर नृत्य किया।
इस अवसर पर भक्तों को गुलाल का प्रसाद वितरित किया गया। सखी वेष में भगवान जुगल किशोर और मुरली मुकुट धारण किए राधिका जी के अलौकिक स्वरूप को निहारने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।