छिंदवाडा। राजनैतिक लिहाज से कमलनाथ और कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला छिंदवाड़ा में एक ओर बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे है।वहीं, दूसरी ओर एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल कर चुनावी ताल टोंक दी है।अब नगर कांग्रेस कमेटी के सहसचिव और क्रमांक 10के सहजोन प्रभारी रहे राजेंद्र डोंगरे ने 26मार्च को छिंदवाड़ा लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया। उपेक्षा की वजह से दो महीने पहले राजेंद्र डोंगरे ने पार्टी छोड़ दी थी।
राजेंद्र डोंगरे ने आरोप लगाया कि छिंदवाड़ा में पीए राज है नेता के पास कार्यकर्ताओ से मिलने का समय नहीं है। चुनाव के समय कार्यकर्ता मिलकर काम करते है और प्रत्याशी को चुनाव जिताते है। लेकिन उसके बाद हमारी उपेक्षा होती है।कमलनाथ जी दिल्ली भोपाल में रहते है,जब हम समस्या के निराकरण लिए कांग्रेस ऑफिस जाते है तो बड़ा अटपटा लगता है। कलेक्टर के केबिन में अंदर जाने में भी डर नही लगता लेकिन कमलनाथ के जिम्मेदारों के कैबिन में प्रवेश करने में अपनापन नही लगता है।कमलनाथ के शिकारपुर स्थित आवास में चमचों को महत्त्व दिया जाता है।हमारे खून में चमचा गिरी नही है। कमलनाथ बड़े लोगो से आवास में और छोटे कार्यकर्ताओ से ऑफिस में मिलते हैं।डोंगरे का आरोप है कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओ की इज्जत सिर्फ चुनाव तक होती है। छोटे कार्यकर्ताओं को उनके शिकारपुर स्थित आवास कामलकुंज में प्रवेश नही मिलता है। आवास में सिर्फ बड़े लोगो को प्रवेश मिलता है।छोटे कार्यकर्ताओ से कमलनाथ और नकुलनाथ सामने वाले कार्यालय में जनता के साथ मिलते है,कार्यकर्ताओ की यहां इज्जत नहीं की जाती है।