नीमच। भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के योद्धा बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को 133वी जयंती पर अंबेडकर सर्किल स्थित स्मारक पर नौजवान सभा नीमच और अन्य संगठनों से जुड़े युवाओं ने उन्हे याद करते हुए पुष्पांजिली दी। इस मौके पर यश सिंगोलिया ने कहा की तमाम चुनौतियों के बावजूद बाबा साहेब ने अपनी शिक्षा पूरी की और सामाजिक चेतना की राह दिखाने के साथ साथ विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया। उन्होंने उत्थान के लिए शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का मार्ग दिखाया।
साहिल शेख़ ने कहा की बाबा साहेब ने देश की आज़ादी के आंदोलनो की भावना, विविधता से भरे देश की अपेक्षा और शहीदों के आईडिया ऑफ इंडिया का समावेश कर “लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, विविधता, समता और न्याय के लिए एक बेहतरीन संविधान दिया .जो आज भी युवाओं की राह में एक मशाल की तरह है।
यश लोहार ने कहा कि हमारे बाबा साहेब कुरीतियों से मुक्ति का पर्याय हैं उन्होंने सुनिश्चित किया की ऊंच नीच ,धर्म , जाती आदि के भेदभाव कानून रूप से खत्म हो और संविधान के रूप में हर नागरिक बराबर हो . आज देश का हर नागरिक बराबर है .इस देश का मालिक कोई सामंती न होकर देश के नागरिक है . इसलिए लोक हित में नीतियां बनाना काम करना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी न की कोई एहसान।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता कृपाल सिंह मंडलोई ने कहा की संविधान में निहित न्याय,स्वतंत्रता,समानता के बुनियादी सिद्धांतों के लिए व देश में एकता,अखंडता,बंधुता सुनिश्चित करने की संविधानिक जिम्मेदारी की दिशा में काम करना ही बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है। वहीं लोकेश यादव ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
इस मौके पर नरेंद्र नागदा, लाल चंद गायरी ,सुरेश मेघवाल, दिनेश, जोहर हुसैन, निखिल चौहान, सोनू प्रजापति, दिलीप प्रजापत अखिलेश झा आदि ने भी बाबा साहेब के विचारों पर अपनी बात रखी।