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April 16, 2024, 4:14 pm
REPORT : जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में स्थित सभी बावडियां/कुओं/खुले बोरिंग के सर्वे के दिये निर्देश, उल्लंघन की दशा में खननकर्मा के विरूद्ध होगी कार्रवाई, पढ़े खबर

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देवास। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ऋषव गुप्ता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत माननीय न्यायालय एवं मध्‍य प्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देश के पालन में निर्देश दिये है कि जिले में ऐसे बोरवेल, जिनकी केसिंग पाईप निकाल ली जाती है मिट्टी धंसक जाने से खतरनाक हो जाते हैं ऐसे बोरवेल में बच्चों के गिर जाने की घटनाएं हुई हैं। इसी प्रकार कुंओं तथा बावड़ियों के ऊपर फर्शीगर्डर डालकर अथवा सीमेंट कांक्रीट के ऐसे निर्माण कर लिये जाते है जिनके धंसकने से गंभीर घटनाएं हुई है। इस संबंध में देवास जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में स्थित सभी बावडियां/कुओं/ खुले बोरिंग का सर्वे संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाकर सूची संधारित कर उक्त सूची में स्थल का नाम, भूमि स्वामी का नाम, सर्वे नंबर अंकित करते हुए फोटोग्राफ भी संधारित किया जाएगा।

ऐसी किसी गहरी संरचना पर अतिक्रमण किया हो, कमजोर छत बनाकर या छज्जा आदि अन्य किसी प्रकार से ढंक दिया हो, या कोई दीवार आदि निर्मित कर घातक स्थिति उत्पन्न की हो, तो पृथक से खतरनाक संरचना की सूची में रखा जायेंगा। खतरनाक संरचना की सूची के प्रत्येक मामलों में तत्काल नियमों/अधिनियमों के तहत अतिक्रमण हटाये जाने एवं सुरक्षा के सभी उपाय संबंधित व्यक्ति / संस्था के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। जिला प्रशासन/सांविधिक प्राधिकारी के साथ अनिवार्य रूप से सभी सरकारी/अर्द्ध सरकारी/निजी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

कुएं के पास निर्माण के समय कुएं के निर्माण/पुनर्वास के समय ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता। उपयोगकर्ता एजेंसी/कुएं के मालिक का पूरा पता के साथ साइनबोर्ड का निर्माण किया जाये। निर्माण के दौरान कुएं के चारों ओर कांटेदार तार की बाइ या कोई अन्य उपयुक्त अवरोध खड़ा करें। कुएं के आवरण के चारों ओर 0.50 x 0.50 x 0.60 मीटर माप के (जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और जमीन के स्तर से 0.30 मीटर नीचे) सीमेंट कांक्रीट प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाएगा। कुएं के ठीक संयोजन हेतु स्टील प्लेट को वेल्डिंग करके या बोल्ट और नट्स के साथ केसिंग पाइप पर एक मजबूत कैप लगाया जाऐगा।

पंप मरम्मत के मामले में ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जाऐगा। कार्य पूरा होने के बाद मिट्टी के गड्डों और नालियों को भरा जाएगा। छोड़े हुए बोरवेलों को नीचे से जमीनी स्तर तक मिट्टी/रेत/पत्थर/कंकड़/ड्रिल कटिंग से भरना होगा। किसी विशेष स्थान पर ड्रिलिंग कार्य पूरा होने पर जमीन की स्थिति को ड्रिलिंग शुरू होने से पहले की तरह बहाल किया जाएगा। कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी/नगर पालिका/नगरीय निकाय/नगर परिषद/ग्राम पंचायत के माध्यम से सुनिश्चित करेंगे तथा कार्य में व्यय होने वाली सम्पूर्ण राशि भूमि स्वामी से वसूल करेंगे।

ऐसे भूमि स्वामी पर जिनके द्वारा निर्देशानुसार बोरवेल तथा कुएं/ बावडियां पाटने संबंधी निर्देशों का पालन नहीं किया है की सूची आदेश जारी होने के दिनांक से 15 दिवस में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे तथा अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा सूची प्राप्त कर ऐसे भूमि स्वामी, बोरवेल खननकर्ता के विरुद्ध युक्तियुक्त आपराधिक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। आदेश का उल्लघंन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।

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