BIG NEWS : महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए बंधेगी 11 मटकियां, महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 24 अप्रैल से मटकियों से सतत बहेगी जलधारा, पढे़ खबर

April 18, 2024, 3:38 pm




उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर को वैशाख एवं ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी में ठंडक प्रदान करने के लिए पुजारी-पुरोहितों द्वारा प्रतिवर्ष मटकी के 11 कलश बांधे जाते है। इस बार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल को है। लिहाजा इसी दिन से गर्भगृह में शिवलिंग के ऊपर सतत जलधारा के लिए 11 मटकी बंधेगी। इन मटकियों से सुबह भस्मार्ती से संध्या पूजन के पूर्व तक भगवान महाकाल पर सतत जल की धारा प्रवाहित की जाती है। यह क्रम करीब दो महीने तक रहेगा। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में कैलाश निवासी भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए भक्त इस तरह का जतन गर्मी में करते हैं। इसी प्रकार तेज ठंड के दिनों में भी भगवान को गर्म जल से स्नान कराए जाने की परंपरा निभाई जाती है। उसी तरह भीषण गर्मी से राहत के लिए भी तैयारी की जाती है। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल को श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग पर मिट्टी के 11 कलश बांधे जाएंगे। नियमित चांदी के कलश की जलधारा के अलावा 11 अतिरिक्त मिट्टी की मटकियों से जलधाराएं प्रवाहित की जाएंगी। माना जाता है कि इन कलश से प्रवाहित जलधारा को गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी सहित अन्य नाम लिखकर शीतलता के लिए बांधी जाती है। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से यह मटकियां लगाई जाती है, जो ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक करीब दो माह बंधी रहेगी। मान्यता है कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्र व प्रजा के कल्याण के लिए सुख-समृद्धि प्रदान करते है।

संबंधित समाचार

VOICE OF MP