KHABAR : तपती गर्मी में 118 किमी की पैदल पंचकोशी यात्रा, हजारों लोग पहुंचे, 5 से 65 वर्ष तक के श्रद्धालु यात्रा में शामिल, पढे़ खबर

May 2, 2024, 5:34 pm




उज्जैन। प्रतिवर्ष होने वाली पंचकोशी यात्रा में शहर के पटनी बाजार स्थित नागनाथ की गली में भगवान नागचंद्रेश्वर को एक नारियल चड़ाकर भगवान से बल लेकर यात्री 118 किलोमीटर की तपती गर्मी में पैदल पंचक्रोशी यात्रा शुरू करते हैं। इस बार यात्रा 3 मई से शुरू होकर 7 मई को समापन होगा। हालांकि सैकड़ो यात्री दो दिन पहले ही गठरी सिर पर रख कर यात्रा पर निकल चुके है। शुक्रवार से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर निकल पड़ा। कई श्रद्धालु पहले पड़ाव पिंगलेश्वर पर भी पहुंच गए है। पंचकोशी यात्रा में प्रदेश भर के लोग पहुंचे है। अपने साथ सुखा राशन और कुछ कपड़ो को गठरी बनाकर अपने सिर पर रखकर पांच दिन के लिए घर से दूर निकले पड़ते है। भीषण गर्मी में आस्था का सैलाब पैदल सड़कों पर निकलता है। यात्री इस दौरान शहर के चारों कोनों में विराजित मंदिर 1. पिंगलेश्वर, 2 कायावरोहणेश्वर, 3. विल्वेश्वर, 4. दुर्धरेश्वर, 5. नीलकंठेश्वर के पूजन अर्चन कर मंगलवार को शिप्रा नदी में स्नान कर अपनी यात्रा खत्म करेंगे। ये पड़ाव होंगे - ताप्ती धूप में जहां कुछ देर खड़े रहना भी मुश्किल है ऐसे में पंचकोशी यात्रा में प्रदेश भर से आए हजारों यात्रियों में बच्चे बुजुर्ग महिला पुरुष सभी 118 किमी की पैदल यात्रा करेंगे इस दौरान वे यात्रा में मुख्य पड़ाव पर विश्राम करेंगे। पंचक्रोशी यात्रा में पिग्लेश्वर ,करोहन,नलवा,अम्बोदिया,केडी पैलेस,जेथल और उंडासा पड़ाव होंगे। कुल पांच पड़ाव और दो उप पड़ाव में श्रद्धालु आराम कर सकेंगे। पांच दिवस की पंचक्रोशी यात्रा का पुण्यफल अवंति में वास में करने का अधिक है। दाल बाटी का आनंद लेकर 118 किमी की यात्रा- आस्था का ऐसा सैलाब के बीच यात्री तपती सड़के और लम्बे रास्ते में भजन करते करते कारवां कब अगला पड़ाव पहुंच जाते है पता ही नहीं चलता है। पंचक्रोशी यात्रा वैशाख माह की कृष्ण दशमी से प्रारम्भ होकर अमावस्या पर समापन होती है। प्रशासन के द्वारा यात्रा मार्ग एवं पड़ाव, उप पड़ाव स्थलों का निरीक्षण कर सम्बन्धित विभागों के जिला अधिकारियों को पंचक्रोशी यात्रियों के लिये मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। इधर भीषण गर्मी में 118 किमी की पैदल यात्रा बुधवार से ही शुरू हो गई जबकि इसे विधिवत शुक्रवार से प्रारम्भ होना था। पंचकोशी यात्रा में प्रदेश भर के श्रद्धालु शामिल हुए है। सिर पर खाने और पीने के समान की गठरी और भजन मंडली के साथ करीब 2 लाख से अधिक यात्री पहुंचने की उम्मीद है। अलग अलग दिन पांच पड़ाव और दो उप पड़ाव पर रहकर प्रभु की आराधना करते हुए। मालवी दाल बाटी पड़ाव स्थल पर बनाकर आनंद लेते हुए यात्रा उज्जैन आकर समाप्त होगी। ख़ास बात ये की इस यात्रा में 5 वर्षीय बच्चे लेकर 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला पुरुष शामिल होते है और गर्मी के इस मौसम में 118 किमी तक पैदल चलते है।

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