भोपाल। करणी सेना का आंदोलन खत्म हो गया है। मंत्री अरविंद भदौरिया ने 22 में से 18 मांगो पर बनी सहमति दर्ज की है। मांगों के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी में मंत्रियों, करणी सेना के लोग भी होंगे। इसके लिए करणी सेना ने 2 महीने अल्टीमेटम का दिया है।
टीम जीवन सिंह शेरपुर की ओर से बताया गया कि उनकी कुल 21 में से 18 मांगे मान ली गई है। सरकार की तरफ से उन्हें लिखित दिया गया है। शेष तीन मांगों को पूरा करवाने के लिए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे। मंत्री अरविंद भदोरिया ने जीवन सिंह शेरपुर को जूस पिलाकर आंदोलन के खात्मे का ऐलान किया।
कैबिनेट मंत्री एवं करणी सेना परिवार के आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिनिधि अरविंद भदौरिया ने कहा कि, आज भोपाल में करणी सेना परिवार के चल रहे आंदोलन में अनशन पर बैठे आंदोलन प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर एवं अन्य सदस्यों को जूस पिलाकर उनका अनशन आंदोलन समाप्त कराया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश से राज्य सरकार से संबंधित मांगो पर समग्र विचारो उपरांत सुझाव प्रस्तुत करने के लिए अपर मुख्य सचिव मप्र शासन विभाग सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता में अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति दो माह की अवधि में राज्य सरकार को अपना प्रतिवेदन सौपेगी।
इन मांगो पर नहीं हुई कोई बात-
आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए। अजा/अजजा एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे। ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति बिना अपराध के सजा न काटे। अजा/अजजा एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे। खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
ये चारों केन्द्र के अधीन मामले हैं। चार दिनों से लगातार वार्ता विफल होने के पीछे की वजह ही ये चारों मांगें थीं। ये सभी मामले केन्द्र सरकार के अधीन हैं। राज्य सरकार के अधीन 18 मांगों पर अपनी राय देने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है।