मै कल पहली बार श्रीमती पूजा शेखावत से मिला, मै उनको देखकर हतप्रभ था, आप कमलेश शेखावत की पत्नी है, जिनकी सफल एंज्योप्लास्टी शुक्रवार को नीमच के दानवीरो के सहयोग से चौरड़िया हॉस्पिटल में हुयी, जिसकी मदद के लिए आह्वान वॉइस ऑफ़ एमपी ने किया था
श्रीमती पूजा शेखावत दिव्यांग है, बैसाखियो के सहारे जो वो चलती है उसे मै चमत्कार ही कहूंगा और ये चल पाना महज उनकी जीवटता के कारण संभव दिखता है या फिर अपने पति की जान बचाने की जद्दोजेहद मे भगवान् ने उन्हें वो शक्ति दे दी की वे चलने लगी वरना उनके पैरो की जो स्थिति है कोई सूरमा इतना दम नहीं भर सकता ये एक औरत का जिगरा है की दिव्यांग होने के बावजूद वह अपने पति को नया जीवन दिलाने के लिए दौड़ती दिखी
ऑपरेशन के बाद शुक्रवार शाम मे श्रीमती पूजा से मिला तो उनके समर्पण और जीवटता को देखकर मै हतप्रभ था मुझे उन्हें देखकर ऐसा लगा जैसे साक्षात देवी है मेने उन्हें दिल से प्रणाम किया और उनसे काफी देर बातचीत की बातचीत के दौरान उनकी आंसू थम नहीं रहे थे शायद ये ख़ुशी ही के आंसू थे के वे अपने पति को नया जीवन देने मे कामयाब हुयी जब वे बोल रही थी तो उनकी सांस फूल रही थी ऐसा लग रहा था जैसे उनके सर पर हिमालय के बराबर बोझ था जो अब उत्तर गया
भगवान् ने नारी को भी कमाल बनाया है, जिसका पूरा जीवन संकटो और संघर्षो में निकलता है, कभी वो एक बेटी होती है, कभी बहिन तो कभी एक पतिव्रता पत्नी कल उनसे बात करते हुए मुझे लगा ये सरकार, ये सिस्टम और इनके दावे सब कितने खोखले है, क्योकि सरकार की योजना का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े आदमी तक तो पहुँच ही नहीं रहा केवल वोट लेने और कुर्सी पाने की तिकड़म के अलावा ये सरकार और कुछ भी नहीं लगती रही सिस्टम की बात तो ये सिस्टम पोलपट्टी से भरा है जब वह एक ऐसे परिवार को आयुष्मान कार्ड नहीं दे सका जिसकी इनकम शून्य है तो फिर उस आयुष्मान कार्ड का होना कोई मायने नहीं रखता जब ये सरकार और उसके जांबाज़ नेता इस बेबस परिवार का हाथ नहीं थाम सके तो फिर उनके होने का कोई अर्थ नहीं रह जाता
मुझे लगता है कल कमलेश शेखावत की जो जान बची शायद वो श्रीमती पूजा की पुण्याई ही थी, उन्ही की मासूमियत देखकर भगवान् का दिल पिघला और उन्होंने नीमच के दानवीरो को आगे किया जिन्होंने ऑपरेशन का खर्च उठाया मै इन दानदाताओ का दिल से आभारी हूँ, वॉइस ऑफ़ एमपी तो महज एक ज़रिया था, कमाल तो श्रीमती शेखावत का लगता है मै उनको दिल की गहराइयों से प्रणाम करता हूँ और परमपिता परमेश्वर से दुआ करता हूँ की मालिक इस जोड़े को सौ साल तक सलामत रखे
आखिर मे बेहद विनम्रता से एक अपील करना चाहता हूँ की यदि आपको इस लाचारी मे कोई दिखे तो वॉइस ऑफ़ एमपी को सूचित करे हम उनकी आवाज़ बनेंगे ये शहर, ये जिला हमारा परिवार है और परिवार के हर सदस्य पर जिम्मेदारी है की वो अपनों का दुःख बांटे, जय हिन्द !