इन्दौर। अस्पतालों में अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा के समुचित प्रबंध रहे। विद्युत सुरक्षा के मापदण्डों के अनुसार सभी बिजली फिटिंग और अनिवार्य व्यवस्था सुनिश्चित रहे। अस्पतालों के लिये फायर सेफ्टी एनओसी और विद्युत सुरक्षा एनओसी अनिवार्य है, जिन अस्पतालों ने फायर सेफ्टी और विद्युत सुरक्षा संबंधी एएनओसी प्राप्त नहीं की है, वे अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लें।
यह निर्देश कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में अस्पतालों में फायर सेफ्टी एनओसी और विद्युत सुरक्षा एनओसी के संबंध में सम्पन्न बैठक दिये गये। बैठक में अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा, अपर कलेक्टर अभय बेडेकर, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या, नर्सिंग होम के संचालक एवं मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा निर्देश दिये गये कि इंदौर में स्थित 50 बेड से कम एवं 50 बेड से अधिक समस्त नर्सिंग होम/अस्पतालों की सूची बनायी जाये। सूची अनुसार जिन नर्सिंग होम/अस्पतालों ने फायर सेफ्टी आडिट सर्टिफिकेट, फायर सेफ्टी एनओसी और विद्युत सुरक्षा एनओसी प्राप्त नहीं की है, उन्हें तत्काल एनओसी प्राप्त करने के लिये नोटस जारी किये जाये । बैठक में कलेक्टर द्वारा बताया गया कि आगामी दिनों में इंदौर के समस्त नर्सिंग होम/अस्पतालों के साथ कार्यशाला आयोजित की जाएगी । इस कार्यशाला में फायर सेफ्टी, विद्युत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं नगर निगम के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला में एनओसी से संबंधित समस्याओं और उसके निराकरण के संबंध में विस्तृत चर्चा की जायेगी। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि नर्सिंग होम एवं अस्पतालों द्वारा विद्युत सुरक्षा आडिट करवाये जाने के लिये पंजीकृत कांट्रेक्टरों के नामों की सूची नर्सिंग होम एवं मेडिकल एसोसिएशन के साथ शेयर की जाये।इसी तरह नगर निगम की फायर सेफ्टी की ओर से भी पंजीकृत कांट्रेक्टरों की सूची शेयर की जाये। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि नर्सिंग होम/ अस्पतालों की एनओसी से संबंधित विस्तृत जानकारी इस कार्यशाला में प्रस्तुत करें।
इस बैठक के पश्चात कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने इंदौर जिले में कुंए बावडियों को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिये चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि कुएं और बावडियां हमारी धरोहर हैं, इन्हें सुरक्षित और संरक्षित करने के कार्य को प्रभावी बनाया जाए।