शाजापुर। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कलेण्डर 2023-24 के पालन में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर ललित किशोर के मार्गदर्शन में एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर राजेन्द्र देवड़ा के निर्देशन में गत दिवस 17 अप्रैल को वृद्धाश्रम में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त विधिक जागरूकता कार्यक्रम में प्रवीण शिवहरे चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि वृद्धों के साथ सम्मानजनक व्यवहार न करना पूर्णतः अनैतिक है। इसीलिए हमें उनका महत्व समझते हुए उनका सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए। उनकी उपस्थिति तथा मार्गदर्शन से परिवार और समाज दोनों के लिए कल्याणकारी है। यदि आज हम उनका सम्मान करेंगे, तभी हम अपनी आने बाली पीढ़ी से सम्मान पाने के अधिकारी होंगे।
सचिव एवं जिला न्यायाधीश राजेन्द्र देवड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनुष्य प्राचीनकाल से ही लम्बी आयु की कामना करता आया है और यह भी सत्य है कि वह कभी वृद्ध नहीं होना चाहता, परन्तु युवा होने के बाद शरीर का वृद्ध होना प्रकृति का सनातन नियम है और हम सब इस नियम से बंधे हुए हैं, बावजूद इसके अनेक शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं का सामना करने के कारण कोई भी व्यक्ति वृद्धावस्था को सहज रूप से स्वीकार नहीं कर पाता है। यह भी सत्य है कि उम्र के इस पड़ाव पर वरिष्ठ नागरिकों की अपनी अनेक शारीरिक व्याधियाँ सिर उठा लेती है, परन्तु यह उनकी वास्तविक समस्या नहीं है। उनकी वास्तविक समस्या मानसिक है। सरकारी अथवा गैर-सरकारी संगठनों में वेतनभोगी कर्मचारियों को एक निर्धारित आयु के बाद सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। यह मान लिया जाता है कि अब व्यक्ति शारीरिक और मानसिक श्रम के योग्य नहीं रहा, चाहे वह व्यक्ति स्वस्थ ही क्यों न हो। इसके बाद उसके जीवन में अनेक कठिनाइयाँ आने लगती हैं। जैसे ही व्यक्ति की आर्थिक उपयोगिता में कमी आती है, वह सामाजिक रूप से भी अनुपयोगी समझ लिया जाता है।
इसके पश्चात् जिला विधिक सहायता अधिकारी फारूक अहमद सिद्दीकी द्वारा वृद्धजनों को नालसा द्वारा संचालित योजना वरिष्ठ नागरिकों को लिए विधिक सेवा योजना के संबंध में बताया गया।