चित्तौड़गढ़। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रताप नगर सेवा केंद्र द्वारा पाठनिया गांव में तीन दिवसीय राजयोग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें गांव की सभी महिलाएं उपस्थित हुई।
सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी आशा दीदी ने बताया कि राजयोग द्वारा हम अपनी सर्व समस्याओं का समाधान कैसे करें अपने मनोबल को बढ़ाने के लिए अपने विचार शक्ति को बढ़ाने के लिए राजयोगी एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम आने वाली समस्याओं का परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हम स्वयं शरीर नहीं बल्कि एक आत्मशक्ति हैं आत्मा मन बुद्धि संस्कार सहित है। उन्होंने बताया परमपिता परमात्मा शिव सर्व आत्माओं के पिता है सर्वशक्तिमान है परंतु सर्वव्यापी नहीं है।
मधु दीदी ने बताया कि परमात्मा शिव अपने तीन दिव्य कर्तव्य करते हैं। ब्रह्मा जी द्वारा स्थापना शंकर जी द्वारा विनाश और विष्णु जी द्वारा पालना यह तीन कर्तव्य परमपिता परमात्मा करवाते हैं। उन्होंने बताया राजयोग हमारे जीवन में आने वाली कठिन समस्याएं और परिस्थितियां जो हमारे मन को कमजोर कर देती हैं। यदि हम परमपिता परमात्मा का रोज ध्यान करते हैं मेडिटेशन करते हैं हम उनसे सर्व संबंध जोड़कर परमात्मा को याद करते हैं तो परमात्मा हमें आने वाली देवी दुनिया दुनिया स्वर्णिम संसार में राज्य भाग्य का अधिकार जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मनुष्य आत्माओं को मुख्य 8 शक्तियों की आवश्यकता है। सहनशक्ति परखने की शक्ति समाने की शक्ति निर्णय करने की शक्ति सामना करने की शक्ति सहयोग की शक्ति समझने की शक्ति विस्तार को सारा बुलाने की शक्ति इन मुख्य शक्तियों की आवश्यकता है और शक्तियां परमपिता परमात्मा के साथ संबंध जोड़ने से प्राप्त होती हैं।
उन्होंने बताया कि जो परमपिता परमात्मा है शांति के सागर है पवित्रता के सागर है प्रेम के सागर है जन्म मरण से न्यारे हैं हम अपने आप को परमात्मा पर मन से समर्पित करें। स्वयं को आत्म निश्चय कर परमात्मा को याद करें परमात्मा का दिल से धन्यवाद करें। क्योंकि वर्तमान इस समय जो घोर कलयुग चल रहा है ऐसे समय पर परमात्मा को अपना सच्चा सच्चा साथ ही सहारा बनाकर रखें तो आने वाले समय में जो दुख का समय है उसमें परमात्मा हमें सेफ रखेंगे वह हमें किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होगी।