रतलाम। प्रशिक्षण ही शिक्षण का सही मार्ग तय करता है। नवनियुक्त शिक्षक, प्रशिक्षण के माध्यम से अपने अध्यापन का तरीका निर्धारित करें। जनजातीय क्षेत्र में पहुंचकर विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ समझ और विभिन्न कौशल से जोड़ने का कार्य करें।
उक्त विचार जनजातीय कार्य विभाग की सहायक आयुक्त रंजना सिंह ने कन्या शिक्षा परिसर रतलाम में जिले के विभागीय नवनियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षकों के द्वितीय चरण के प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विद्यार्थी को शिक्षा से जोड़ने के साथ, विभिन्न संचालित योजनाओं की जानकारी भी विद्यार्थियों को प्रदान करें। दूरस्थ अंचलों में पहुंचकर विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ें तथा अपना बेहतर से बेहतर ज्ञान देने का लक्ष्य निर्धारित करें। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी पंकजसिंह चंदेल ने कहा कि विभाग द्वारा तीन चरणों में प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम चरण का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण के प्रशिक्षण में 120 नव नियुक्त शिक्षक , प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। मास्टर ट्रेनर संदीप जैन ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों को शिक्षण तकनीक के साथ वित्तीय, लेखा एवं अन्य जानकारियां भी प्रदान की जा रही है ताकि उन्हें भविष्य में किसी भी परिस्थिति में कोई परेशानी न हो।
प्रशिक्षण के सहायक नोडल अधिकारी गणतंत्र मेहता ने प्रशिक्षण के प्रथम चरण की उपलब्धियां बताई और उस आधार पर द्वितीय चरण के प्रशिक्षण में किए गए परिवर्तन की जानकारी दी एवं विभिन्न कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड के माध्यम से दिए जा रहे प्रशिक्षण से अवगत कराया । कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। प्रारंभ में अतिथियों ने सरस्वती पूजन कर प्रशिक्षण की शुरुआत की । अतिथियों का स्वागत पंकज सिंह चंदेल, राजेंद्र पुष्पद, संदीप जैन, लखनलाल शास्त्री, मुजफ्फर हुसैन, गणतंत्र मेहता, सुनीता खराड़ी, डोडियार ने किया। प्रशिक्षण में जिले जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित संस्थाओं में नवनियुक्त उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक मौजूद थे।
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