चितौड़गढ़ | जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय ने महात्मा गाँधी से जुडी यादों को संजोने के लिए अनूठा कार्य कर दिखाया है जिसकी काफी प्रशंसा हो रही है। विश्वविद्यालय में बेहद आकर्षक ‘’प्रभाष जोशी स्मृति गांधी म्यूजियम’’ की स्थापना की गई है।
गांधी म्यूजियम में स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान तत्कालीन समाचार पत्रों में प्रकाशित महात्मा गांधी से सम्बंधित घटनाओं के समाचारों की मूल कतरनों को शानदार तरीके से सजाया गया है। साथ ही गाँधी द्वारा निकाले गए विभिन्न समाचार पत्र जैसे नवजीवन , हरिजन आदि को भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें गांधी जी के लेख देखे जा सकते हैं। म्यूजियम में कई विदेशी मैगज़ीन एवं पत्र-पत्रिकाओं जिसमें पैरिस, इटली, फ्रांस इलस्ट्रेशन, अगस्त ग्राफिक सर्वे आदि के कवर पेज हैं जिन पर महात्मा गांधी की तस्वीर छपी हैं। ये मैगज़ीन एवं पत्र-पत्रिकाएँ अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, इटालियन आदि भाषाओं में है। इनका अवलोकन कर प्रतीत होता है कि उस समय गांधी का प्रकाश सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे विश्व में फ़ैल चूका था। गाँधी के जीवनकाल की अलग-अलग घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम एक क्रम में लगा कर प्रदर्शित किया गया है, जिसमें उनके पुराने अनदेखे फोटो और संक्षिप्त जानकारी है। यहाँ गाँधी पर प्रकाशित कई डाक टिकटों का भी अनोखा कलेक्शन उपलब्ध है। करीब सौ देशों द्वारा महात्मा गांधी पर निकाले गए स्टाम्प का संकलन भी यहाँ देखने को मिलता है।
मेवाड़ विश्वविद्यालय के आर्ट, कल्चर व म्यूजियम की महानिदेशक डॉ. चित्रलेखा सिंह ने बताया कि गांधी म्यूजियम में प्रवेश करते ही साबरमती आश्रम की छोटी-सी झांकी दिखाई देती है, जिसमें महात्मा गांधी को चरखा चलाते हुए दिखाया गया है। इस मूर्ति को रामकृष्ण घोष और उनकी टीम ने बनाया है। मूर्ति के पास गाँधी द्वारा उपयोग में ली गई सामग्रियों की रेप्लिका दिखाई गई है। गांधी की तस्वीर वाले पुराने सिक्कों एवं मेडल का भी यहाँ अनोखा कलेक्शन है। इसके साथ ही गांधी पर प्रकाशित दर्जनों पोस्ट कार्ड एवं लिफाफों को भी संजो कर रखा गया है। यहाँ समाचार पत्र ‘द स्टेट्समेन’ की दिनांक 31 जनवरी 1948 की प्रति भी संरक्षित है, जिसमें गांधी के शहीद होने के खबर छपी हुई है। गांधी के भाषणों का संग्रह किये हुए कई पुरानी डिस्क भी यहाँ संभाल कर रखी गई है।