इंदौर | सरकारी अस्पतालों में नर्सों की हड़ताल का असर मरीजों की सेहत पर दिखने लगा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं वार्डों में भर्ती मरीजों को दवाई, इंजेक्शन सहित अन्य नर्सिंग सहायता नहीं मिल पा रही है। एमवायएच, एमटीएच, हुकुमचंद पॉलि क्लिनिक सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। शुक्रवार को हड़ताल का 5वां दिन रहा।
वार्डों में बिस्तर हो रहे खाली
एमवायएच की पांचवीं मंजिल के वार्ड 26 में कई बेड खाली हो गए हैं। मरीजों का कहना है कि इन वार्डों में नर्सिंग छात्राओं की ड्यूटी तो लगाई गई है लेकिन वे मरीजों की देखभाल ठीक से नहीं कर पा रहीं। वार्डों में नियमित रूप से बांटी जाने वाली दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। पहले यह काम नर्सिंग स्टाफ द्वारा किया जाता था। नर्सिंग छात्राओं को स्टोर द्वारा दवाएं नहीं दी जा रही हैं। कई मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें सर्जिकल वस्तुओं की जरूरत पड़ती है, उन्हें भी परेशान होना पड़ रहा है।
डॉक्टर राउंड लेकर चले जाते हैं, लेकिन मरीजों की दवाएं, ड्रेसिंग और देखभाल का पूरा जिम्मा नर्सिंग स्टाफ पर होता है। स्थाई नर्सों के हड़ताल पर जाने के बाद नर्सिंग छात्राएं जरूर आ रही हैं, लेकिन अस्पताल से उन्हें बांटने के लिए दवाएं नहीं मिल रही। आयुष्मान कार्ड होने पर भी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
980 नर्सें हैं एमजीएम से जुड़े सरकारी अस्पतालों में
06 अस्पताल हैं MGM से जुड़े शहर में
580 नर्सें हड़ताल पर सरकारी अस्पतालों में
1300 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं एमवायएच और एमटीएच में वार्डों में
60 मरीज छुट्टी करवाकर लौट चुके हैं घर
ओपीडी में मरीजों को देख रहे, सर्जरी भी हो रही
"200 से ज्यादा नर्सों को अस्पतालों की ओपीडी और वार्डों में पदस्थ किया गया है। शुक्रवार सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी में 2872 मरीजों को देखा गया। वहीं 186 नए मरीज भर्ती किए गए। कुल 53 ऑपरेशन हुए, जिनमें 11 मेजर और 42 छोटे ऑपरेशन किए गए हैं।"