नीमच। धार्मिक संस्कार व्यक्ति को परिवार की परंपरागत विरासत में मिलते हैं। धर्मागम का ज्ञान व्यक्ति के संस्कारों को आगे बढ़ाता है। तपस्या से उत्तम सद्गति प्राप्त होती है। सद्गुणों के बिना जीवन का विकास नहीं हो सकता है। तपस्या महान आचरण से आत्मा उन्नति करती है। तप त्याग में जीवन से अभीज्ञान प्राप्त हो जाता है।यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, आगम मनस्वी साहित्य भूषण कविरत्न श्री विजयमुनिजी मसा ने कही।
वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अधर्म और धर्म सत्य और असत्य को समझे बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती है।जितने भौतिक संसाधन बढ़ते हैं उतनी ही आनंद की अनुभूति कम होती है।अरे हम सच्चे परिश्रम और पुरुषार्थ से कमाए धन से दान करते हैं तो वह दान दुनिया वर्षों तक याद रखती है।जीवन का कल्याण करना है तो सब कुछ छोड़कर साधु की संगत करना चाहिए। विजय मुनि जी महाराज साहब ने धर्म सभा में मेरा मेरा करते रे बीती रे उमरिया...,मिलती है साधु की संगत कभी-कभी मिलती है धर्म प्रेम की रंगत कभी-कभी.... स्तवन प्रस्तुत किए। साध्वी डॉ विजय सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा कि एक सामायिक जीवन का कल्याण कर सकती है। इस तपस्या से आत्मा पवित्र होती है और मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है।
चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न श्रावक श्राविकाओं के विभिन तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की।
धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा.एवं साध्वी विजय श्री जी म. सा. का सानिध्य मिला।इस अवसर पर श्री अभिजीतमुनिजी म. सा., श्री अरिहंतमुनिजी म. सा., ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम्म, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत सिंह मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा ,साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि गणमान्य समाज जन उपस्थित थे। इंदौर रतलाम, जावद जीरन, चित्तौड़गढ़, छोटी सादड़ी निंबाहेड़ा जावरा नारायणगढ़, उदयपुर आदि क्षेत्र से समाज जन सहभागी बने और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता भंवरलाल देशलहरा ने किया।