उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद इंजीनियरिंग संस्थान में के एक अतिथि शिक्षक को संस्थान निदेशक द्वारा उसकी कोर्स वर्क की परीक्षा के दौरान भी नियम विरुद्ध पढ़ाने का मानदेय देने का मामला सामने आने के बाद कुलपति ने जांच समिति बनाई है। समिति के सदस्य सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं, संस्थान निदेशक को तत्काल निदेशक पद से हटा दिया है। मामले में विद्यार्थी परिषद ने भी ज्ञापन सौंपा है।
विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की धांधली में आठ एफआईआर होने के बाद भी नए कारनामें सामने आ रहे है। अब इंजीनियरिंग संस्थान के ही अतिथि शिक्षक राजेश चौहान को पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा के दौरान प्रतिदिन दिया जाने वाले प्रति पीरियेड के मान से मानदेय भुगतान करने का मामला सामने आया है। भुगतान के लिए उपस्थिति पत्रक को संस्थान निदेशक डॉ. डीडी बेदिया ने सत्यापित किया है। शिकायत के साथ संस्थान का अतिथि शिक्षकों के उपस्थिति रजिस्टर, भुगतान पत्रक और विश्वविद्यालय से लेखा विभाग के माध्यम से जारी हुए कागजात भी दिए गए है।
मामला सामने आने के बाद कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने जांच समिति गठित की है जिसमें उच्च शिक्षा विभाग के एडी डॉ. अनिजवाल और डॉ. महेश शर्मा को रखा गया है। समिति सात दिन में जांच कर रिर्पाेट कुलपति को सौंपेगी। बताया गया है कि पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा में इंजीनियरिंग संस्थान के 8 अतिथि शिक्षक शामिल हुए थे, लेकिन पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा के साथ-साथ सभी ने 1500 रुपए प्रतिदिन की हाजिरी भी लगा दी जो कि नियम विरुद्ध है।
अतिथि शिक्षकों को 1500 रुपए प्रतिदिन का वेतन 5 घंटे की नौकरी पूरी करने पर प्राप्त होते है। ऐसे सवाल यह उठ रहे है कि जो शिक्षक परीक्षा में शामिल रहे वे पढ़ाने कब गए। वहीं संस्थान निदेशक ने मानदेय के उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर किस आधार पर किए है।ज्ञापन देने के दौरान महानगर सहमंत्री रितिक शिंदे, आदर्श चौधरी , साक्षी यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री गौरव बेंडवाल ने गुरूवार को कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे को ज्ञापन सौंपा है। परिषद ने कहा कि विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग अध्यनशाला की पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा 14 से 18 फरवरी तक आयोजित हुई थी।
जिसमें अभ्यर्थी के रूप में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के 8 अतिथि शिक्षक उपस्थित थे। जिसमें पाया गया कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के निदेशक डीडी बेदिया व अतिथि शिक्षकों की आपसी साठगांठ से फर्जी हाजिरी के बिल लगाकर विश्वविद्यालय से ज्यादा भुगतान लेकर आर्थिक भ्रष्टाचार करने की घटना सामने आई है।
एबीवीपी यह मांग करती है कि आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त समस्त अतिथि शिक्षक व डिपार्टमेंट के निदेशक पर जांच हो और लिप्त दोषी को विश्वविद्यालय से निलंबन किया जाए। जांच समिति की अध्यक्षता किसी रिटायर्ड जज या प्रशासनिक अधिकारी से करवाई जाए।