डेस्क। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने नई अफीम नीति 2023-24 जारी कर दी हैं। भारतीय अफीम किसान नई अफीम नीति में कई मांगों को जोड़ना चाहते थे। अफीम की खेती से किसानों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा हैं। अफीम फसल के भाव चाहे पोस्ता दाने को हो या डोडाचूरा के वो किसान की मेहनत के अनुरूप नहीं हैं। किसान अफीम के पौधे को अपनी संतान के जैसे बड़े करते हैं लेकिन सरकारी भाव न के बराबर मिलता हैं। ऐसे में फिर अन्य देशो से अवैध पोस्ता दाना का भारत में आने से किसानों पर दुगुनी मार हैं। पहले भी टर्की से पोस्ता दाना आयात किया जाता था जो पिछले दो सालो से बंद है उसके बावजूद भारतीय पोस्ता दाना का भाव नहीं बढ़ रहा क्योकि अब मलेशिया से अवैध पोस्ता दाना भारत में आ रहा हैं जिसके कारण भारतीय किसानों को पोस्तादाने का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा हैं।
जानकारों की माने तो मलेशिया से भारी मात्रा में अवैध पोस्ता दाना की खेप भारतीय बन्दरगाहों के माध्यम से भारतीय सीमा में अवैध रूप से पहुंचाई जा रही हैं। जिसके कारण भारत में पोस्ता दाने का मूल्य बढ़ नहीं पा रहा। अगर बाहर से आने वाले पोस्ता दाने पर सख्ती से प्रतिबन्ध लगे तो भारतीय अफीम किसानों को पोस्ता दाने का मनचाहा भाव मिल सकता हैं। हालांकि भारत सरकार द्वारा मलेशिया से अवैध रूप से आने वाले पोस्ता दाने की तस्करी को लेकर कार्यवाई भी की गई हैं। अगर मलेशिया से आने वाले इस अवैध पोस्ता दाने की तस्करी पर पूर्णतः रोक लग जाए तो भारतीय किसानों का पोस्ता दाना 2000 रूपए प्रति किलो बिक सकता हैं। इसका सीधे तोर पर अफीम काश्तकारों को फायदा पहुँच सकता हैं।
इसका ताज़ा उदहारण देखे तो पिछले सप्ताह ही दिल्ली डीआरआई ने 3.3 टन अवैध पोस्ता दाना पकड़ा था और दो लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही बेंगलुरु कस्टम ने भी 5 टन पोस्ता पकड़ा है। बेंगलुरु में ये घोटाला पिछले कुछ समय से चल रहा है। इसके अलावा हवाई मार्ग से एयर कार्गो से आने वाले और कम मात्रा में हवाई यात्रियों द्वारा भी भारत में अवैध पोस्ता भी लाया जा रहा हैं। जिसको लेकर भी भारत सरकार हाई अलर्ट पर तो हैं। मगर बाहर से आने वाले पोस्ता दाने पर पूर्ण रूप के साथ सख्ती से प्रतिबन्ध लगाया जाए तो अफीम किसानों को पोस्ता दाने का उचित भाव मिल सकता हैं।
इस संदर्भ जब नीमच कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष राकेश भारद्वाज से बात की गई तो उनका कहना हैं कि अगर बाहर से आने वाले पोस्ता दाने पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगे तो भारतीय पोस्त दाने का भाव खुद ही बढ़ जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि यह सरकार का मसला हैं।
अफीम किसान संघर्ष समिति के सरंक्षक मांगीलाल मेघवाल का कहना हैं कि सरकार किसानो का भला नहीं चाहती हैं। सरकार अगर किसानो को लाभ पहुँचाना चाहती तो पोस्तादाने के आयात पर प्रतिबन्ध लगाती जिसके कारण हमें हमारी मेहनत का उचित लाभ मिल पाता। नई अफीम नीति में हमने सीपीएस पद्धति को ख़त्म करने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना। सीपीएस से निकलने वाले पोस्ता की क्वालिटी सही नहीं होती है और वही फिर मलेशिया जैसे देशो से अवैध तरीके से पोस्तादाना भारत लाया जा रहा है जिसके कारण भारतीय किसानो को भारी नुक्सान हो रहा है
गौरतलब हैं कि जब भारत सरकार टर्की से पोस्ता दाना का आयात करती थी तब भी भारत में पोस्ता दाना का मूल्य इतना ही कम था। जानकारी अनुसार जिस समय टर्की से पोस्ता दाना आयात किया जाता था तब भारत में वो 200 रूपए प्रति किलो पड़ता था जिसके कारण भारत में पोस्ता दाने के भाव भी कम रहते थे। लेकिन टर्की सहित अन्य देशों से जब आयात ही बंद हैं तो फिर पोस्ता दाने के भाव भारत में क्यों कम हैं। इसका मुख्य कारण हैं कि मलेशिया से अवैध रूप से भारत में पोस्ता दाने की बड़ी खेप तस्करों द्वारा लाइ जा रही हैं।ऐसे में यदि मलेशिया से होने वाली पोस्तादाने की तस्करी को रोका जाए तो निश्चित है की भारतीय किसानो का पोस्ता 2 हज़ार रूपए किलो बिकेगा