भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर जारी किए जाने वाले कुछ कलेक्टरों के आदेश चर्चा में हैं। ताजा आदेश रीवा जिला दंडाधिकारी प्रतिभा पाल का है। उन्होंने नामांकन वापसी के पांच दिन बाद एक प्रत्याशी को जिलाबदर कर दिया। इसी तरह के दो अन्य मामले खरगोन और रतलाम जिलों में भी सामने आए हैं।
कमांडो ने बताया कि राजनीतिक दबाव में जारी आदेश में कोर्ट के संज्ञान में तथ्य लाए गए, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश जारी करने में देरी को आधार मानते हुए राहत दी है। 20 नवंबर को कमिश्नर कोर्ट अपील करने को कहा है। खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की ओर से भी जिलाबदर के आदेश ।प्डप्ड प्रत्याशी के विरुद्ध जारी किया गया था। इसके बाद इंदौर हाई कोर्ट ने ओवैसी की पार्टी एआईएमआईए के जिलाबदर प्रत्याशी को इंदौर में रहकर प्रचार की अनुमति दे दी है। आदेश के मुताबिक इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 के प्रत्याशी खरगोन निवासी यासिर इब्राहिम वोटिंग के दिन तक इंदौर में रह सकेंगे। उधर, रतलाम जिले के जावरा से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार जीवन सिंह को जिलाबदर का नोटिस देने पर उनके द्वारा भी अपील की गई, जिसके बाद जिलाबदर का आदेश जारी होने से रोक दिया गया।
जिलाबदर बदमाशों के नाम भी अजब-गजब रूप में सामने आ रहे हैं। कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नई बस्ती अमेहटा थाना कैमोर निवासी 21 वर्षीय गुल्ला उर्फ रसगुल्ला उर्फ सोनू कोल को जिलाबदर किया गया।
एक अन्य बदमाश पप्पू चटका उर्फ हसीन कुरैशी पिता मोह. सईद कुरैशी 31 साल के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। चटका झुग्गी नं. 462 छोटी मस्जिद के पास रोशनपुरा, थाना अरेरा हिल्स, भोपाल का निवासी है और वर्ष 2006 से लगातार अपराध घटित करता आ रहा है। खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पुराना मछली बाजार थाना महेश्वर निवासी विजय ऊर्फ बम पिता कैलाश वर्मा को हर शुक्रवार को थाने में हाजिरी देने के लिए कहा है। साथ ही 50 हजार रुपए का बांड भी भराया है।