खरगोन। जिले के कसरावद में दो वक्त की रोटी के लिए एक 10 साल की बच्ची जान जोखिम में डालने को मजबूर है। जिस उम्र में उसे पढ़ाई-लिखाई करनी चाहिए, उस उम्र में बच्ची एक पतली रस्सी पर सिर्फ एक लाठी के सहारे करतब दिखा रही है। जिम्मेदारों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता तक सड़क से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उस ओर ध्यान नहीं दिया। मौके पर मौजूद लोग बच्ची के करतब पर तालियां बजा रहे थे। बच्ची के पिता से पूछा गया तो पहले तो पिता ने वीडियो बनाने से मन कर दिया और अपने हालात के बारे में बयां किया।
हमारा पुस्तैनी काम, इसी से चलती है दाल रोटी पर करतब दिखा रही बच्ची अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी के लिए वह शहर-शहर जाकर तमाशा करते हैं। इसी से उनकी रोजी-रोटी चलती है। यह लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं कोरकु जाती से आते हैं इनका यह काम पीढीयों से चला आ रहा है रोजी-रोटी की तलाश में दर-दर घूमते रहते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।