मुरैना। जिले में नया साल मनाने के लिए सैकड़ो सैलानी चंबल नदी के राजघाट पहुंचे। नया साल और मौसम भी सुहाना इस जुगलबंदी ने लोगों को घरों से बाहर पिकनिक स्थलों पर निकलने को मजबूर कर दिया। इसी का असर रहा की चंबल नदी के राजघाट पर सैलानियों का मेला लग गया। सुबह से यहां सैलानियों का पहुंचना शुरू हो गया और इस दौरान लोगों ने चंबल सफारी का जमकर लुफ्त उठाया। सैलानियों ने नदी के रेतीले किनारे पर ऊंट की सवारी की तो कई परिवारों ने मोटर वोट से चंबल नदी का भ्रमण कर जलीय जीवों को बेहद नजदीकी से देखा। सर्दी के कारण दोपहर के समय घड़ियाल मगरमच्छ कछुआ जैसे जलीय जीव नदी से निकालकर धूप सेंकने के लिए टापुओं पर आ जाते हैं, इन्हें देखने और इनके साथ फोटो लेने के लिए सैलानियों में होड़ मच गई।
चंबल नदी किनारे जादूगर ने खेल का आयोजन भी किया। जादूगर ने नए-नए करतब दिखाते हुए लोगों को दांतों तले उंगलियां दबाने के लिए मजबूर कर दिया। सैलानियों का कहना है कि अन्य राज्यों और जिलों में नए साल मनाने के लिए लोग जाते हैं तो काफी धन खर्च होता है। गोवा का बीच और कुल्लू मनाली जैसी वादियां हमें चंबल नदी के किनारे ही एहसास कर देती है। यह प्रकृति का अनोखा दृश्य हमें चंबल नदी के किनारे ही मिल जाता है और धन भी कम खर्च होता है। समय भी बच जाता है। यहां पर अमेरिका, लेह, लद्दाख अन्य विदेशी पक्षी भी देखने के लिए मिल जाते हैं, जिन्हें देखने से हमें अन्य देशों का भी एहसास होता है और चंबल नदी देश की सबसे स्वच्छ नदी है। यहां पर देश के सबसे अधिक घड़ियाल, मगर व अन्य जीव हमें आसानी से देखने के लिए मिल जाते हैं। चंबल नदी में डॉल्फिन मछली भी हमें देखने को मिलती है।