BIG NEWS : मायावती बोलीं- बीजेपी-कांग्रेस ने एक होकर बीएसपी को तोड़ा, ग्वालियर में एक-दो बिकाऊ लोग, बात बाबा साहेब की, काम गांधी जी का करते हैं, पढे़ खबर
मुरैना। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मुरैना की चुनावी सभा में बीजेपी और कांग्रेस को एक बताया। उन्होंने कहा, श्उत्तरप्रदेश में चार बार बीएसपी के नेतृत्व में सरकार बनी। जब चौथी बार अकेले बलबूते हमारी सरकारी बनी, तब कांग्रेस, बीजेपी और दूसरी जातिवादी पार्टियों ने एक होकर बीएसपी को कमजोर करने के लिए रास्ता निकाला। इन्होंने स्वार्थी और बिकाऊ किस्म के लोगों को तोड़ा। इन्हें आगे कर छोटे संगठन बनवा दिए और बीएसपी के मुकाबले में ले आए। उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, श्ग्वालियर में भी एक-दो ऐसे स्वार्थी - बिकाऊ लोग हैं, जिहोंने कांग्रेस और बीजेपी का मकसद पूरा किया। जब लगा कि बीएसपी कमजोर हो गई, तब कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का दामन थाम लिया। ये बात बाबा साहेब की करते हैं, काम गांधी जी का करते हैं। इनसे सावधान रहना है।श् बसपा सुप्रीमो ने कहा, श्ये बीमारी उत्तरप्रदेश में भी है। जहां बीएसपी मजबूत है, वहां विरेधी पार्टियां इस तरह का षड्यंत्र रच रही हैं।श् मायावती ने मुरैना शहर के मेला मैदान में रविवार को ग्वालियर, मुरैना और भिंड लोकसभा से बसपा प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा। गलत नीतियों के कारण कांग्रेस सत्ता से बाहर आजादी के बाद केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्ता कांग्रेस के हाथ में केंद्रित रही है। दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग विरोधी गलत नीति और कार्यप्रणाली की वजह से कांग्रेस को केंद्र और काफी राज्यों की सत्ता से भी बाहर होना पड़ा है। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टी की भी रही। इस कारण ही फिर बीएसपी को बनाने की जरूरत पड़ी। बीजेपी सत्ता में वापस आने वाली नहीं, बशर्ते- गड़बड़ी न हो बीजेपी और इसके सहयोगी दल केंद्र और अधिकांश राज्यों की सत्ता में काबिज हो गए हैं। इनकी जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, सांप्रदायिक और द्वेषपूर्ण नीतियां हैं। कथनी-करनी में अंतर है। अब ऐसा लगता है कि इस बार भाजपा केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है, बशर्ते चुनाव फ्री एंड फेयर हो, मशीन में गड़बड़ी नहीं की जाए। कांग्रेस की तरह बीजेपी ने जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण किया कांग्रेस की तरह ही बीजेपी ने भी केंद्र की तमाम सरकारी जांच एजेंसी का राजनीतिकरण कर दिया है। पूर्व कांग्रेस सरकार की तरह ही भाजपा सरकार में जातिवादी, सांप्रदायिक, पूंजीवादी सोच और नीतियां हैं। धर्म की आड़ में, हिंदुत्व की आड़ में ज्यादती चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। खासकर मुस्लिम समाज के लोगों का शोषण और उत्पीड़न किया जा रहा है। अपर कास्ट में गरीब लोगों की हालत भी अच्छी नहीं है।