नीमच। गांव धनेरिया कला में श्री मद्भागवत गीता गायन कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें कथा सुनने आसपास के श्रृद्धालु बड़ी संख्या में कथा का श्रवण करने आ रहे हैं। इस कथा के भागवताचार्य मथुरा के राष्ट्रीय संत परमपुज्य पंडित युवराज महाराज उपस्थित श्रोताओं को श्री मद्भागवत गीता का रसपान करा रहे हैं। यह कथा गांव की मेघा बावजी समिति द्वारा आयोजित की जा रही है जो 10 मई से प्रारंभ हुई और 16 मई को कथा का विश्राम होगा।
रविवार को कथा का पांचवां दिन था और भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। इस जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लल्ला की सुनकर आई, यशोदा मैया देदो बधाई नामक भजन प्रस्तुत किया गया। जिसमें महिलाओं ने शानदार नृत्य किया। बाबूलाल नागदा और कैलाश चन्द्र अहीर ने सपत्नीक यजमान की मुख्य भूमिका निभाते हुए श्री कृष्ण की पूजा और आरती की। भागवताचार्य ने श्री कृष्ण जन्म को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया कि किस तरह वासुदेव की बेड़ियां अपने आप खुल गई और श्री कृष्ण को पालने में बिठाकर यमुना नदी पार करते हुए गोकुल में नंदबाबा के घर श्री कृष्ण को रखकर वहां से बालिका को लेकर वापस मथुरा के बंदीगृह में आ गए।
वासुदेव की भूमिका मूलचंद धनगर ने पालने में एक नन्हें से बालक को लेकर इस जन्मोत्सव को अभूतपूर्व बना दिया जिसका उपस्थित श्रृद्धालुओं ने करतल ध्वनि से अभिवादन किया। तत्पश्चात महाआरती का आयोजन किया गया और नुक्ती व पाचामृत के साथ पंजेरी का प्रसाद सभी भक्तों को वितरित किया गया। इस जन्मोत्सव में कैलाश चन्द्र नागदा राधेश्याम अहीर गोपाल अहीर जगदीश नागदा मदनलाल चौधरी सहित समिति के सदस्यों ने भी अपनी महत्ती भूमिका निभाई।