भोपाल | जेपी अस्पताल समेत शहर के काटजू अस्पताल, कोलार सीएचसी, बैरागढ़ सिविल अस्पताल और बैरसिया सिविल अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ सोमवार से हड़ताल पर चला गया। ऐसे में इन सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल, आंदोलनकारी नर्सिंग स्टाफ ग्रेड पे, नाइट एलाउंस, नर्सिंग स्टूडेंट्स का स्टायपेंड बढ़ाने जैसी 10 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
हड़ताल का असर यह हुआ कि 10 से ज्यादा छोटे-बड़े ऑपरेशन टालने पड़े। मंगलवार से सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की परेशानी और बढ़ने की आशंका है क्योंकि, मंगलवार से फार्मासिस्ट भी हड़ताल पर जा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो यहां मरीजों को न तो दवा काउंटर से दवाएं मिल पाएंगी और न वार्डों में पट्टी बांधने और इंजेक्शन लगाने जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी।
अपनी मांगें सीएम सहित अधिकारियों के संज्ञान में लाए, सुनवाई नहीं
फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अंबर चौहान का कहना है कि हम अपनी मांगों के संबंध में कईबार जिम्मेदारों से मिलकर बात कर चुके हैं। हर बार आश्वासन दिए जाते हैं। यही वजह है कि अब फार्मासिस्ट आंदोलन करने को मजबूर हैं। वेतनमान, पदनाम परिवर्तन, संचालनालय निर्माण जैसी जायज मांगें मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों के संज्ञान में ला चुके हैं, सुनवाई नहीं होती है। यही वजह है कि अब मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
जरूरी व्यवस्थाएं जुटा ली हैं
सोशल मीडिया पर फोटो देख बंद किया काम दोपहर 12 बजे जेपी अस्पताल के स्टाफ ने ए ब्लॉक के सामने एकत्रित होकर हड़ताल शुरू की। जब नर्सिंग स्टाफ ने सोशल मीडिया पर फोटो डाले तो दूसरे अस्पतालों में भी हड़ताल शुरू हो गई।
संविदा स्टाफ के भरोसे व्यवस्थाएं - नियमित नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों के इलाज की जिम्मा संविदा वाले नर्सिंग स्टाफ पर आ गई। हालांकि, इनके लिए व्यवस्थाएं संभालना आसान नहीं होगा। क्योंकि, 30 प्रतिशत स्टाफ ही संविदा वाला है। यही वजह है कि अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है।
सरकारी अस्पतालों में पदस्थ नियमित नर्सिंग स्टाफ सुबह नौ बजे ड्यूटी पर आया और दोपहर 12 बजे तक काम किया। लेकिन, 12 बजे के बाद नर्सिंग स्टाफ अस्पताल के बहार एकत्रित होकर बैठ गया। सुबह मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन दोपहर में आने वाले मरीजों को इलाज के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ा। असर दोपहर के बाद हड़ताल ने जोर पकड़ा, इसके बाद मरीज हुए परेशान हर बार बस आश्वासन...