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September 19, 2023, 4:18 pm
KHABAR : ग्राम सभा ने मदिरा बेचने और पीने पर लगाया प्रतिबंध, अब किया आदेश का उल्लंघन तो लगेगा इतने हजार रूपये का अर्थ दंड, पढ़े खबर 

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बडवानी। राजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सांगवी के ग्राम भूलगांव में पेसा कानून के अन्तर्गत ग्राम सभा ने निर्णय लिया 15 नवम्बर 2022 से जनजाति क्षेत्र में मध्यप्रदेश के 20 जिले 89 विकासखंड में पेसा कानून लागू हुआ है । उसी के द्वारा ग्राम भुलगाव में ग्रामीणों ने शराब बनाकर बेचने व पीने पर पाबंदी लगा दी है। पेसा कानून से ग्राम सभा द्वारा शराब बंदी करने वाला भूलगांव राजपुर विकासखंड का पहला गांव है। भूलगांव के ग्राम सभा अध्यक्ष अर्जुन मंडलोई ने बताया कि आज 17 सितम्बर को पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा का आयोजन हुआ था। गांव की महिलाओं और पुरुषों ने एक मत होकर गांव में शराब बंदी करने की आवाज उठाई। इसके बाद ग्राम सभा में यह तय हुआ कि गांव में शराब बनाते या बेचते पाया जाने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। 

उत्सव में 4 लीटर शराब की छूट- 
सरपंच गांव के सरपंच भागीरथ अस्के ने बताया कि गांव के जिस घर में शादी, विवाह, जन्मोत्सव या पूजा होगी। उस घर के लोगों को ग्राम सभा मे आकर जानकारी देनी होगी। इसके बाद उन्हें 4 लीटर शराब तक के उपयोग की छूट मिल सकेगी। ग्राम सदस्यों को दी निगरानी की जिम्मेदारी ग्राम सभा अध्यक्ष अर्जुन मंडलोई ने बताया कि भूलगांव में दो सौ परिवार रहते हैं। इस गांव की जिम्मेदारी ग्राम सभा सदस्यों को दी है। यह अपने-अपने वार्डाे की निगरानी रख कर शराबबंदी को लागू करेंगे। लोगों को दी महुआ का काम बंद करने की हिदायत अर्जुन ने बताया कि भूलगांव में तीन महुआ की दुकानें हैं। इस गांव में 8 परिवार मुहआ से शराब बनाने के कारोबार से जुड़े हैं। इन सभी परिवारों को ग्राम सभा की बैठक में बुलाकर सख्त हिदायत दी गई है। उनसे कहा कि दुकान का महुआ खत्म हो जाने के बाद अब दोबारा महुआ नहीं मगाएंगे। 17 सितम्बर कल जब से ग्राम सभा में शराबबंदी हुई हैए तब से शराब कोई भी ना बेचेगा और ना ही पीएगा । शराबबंदी से महिलाएं खुश भूलगांव में ग्राम सभा ने शराब बंदी का प्रस्ताव पारित कियाए उसके बाद महिलाएं बहुत खुश हैं। गजूबाई बालके ने कहा कि शराब के कारण गांव में आए दिन विवाद होते थे। शराब लोगों की असमय मृत्यु का कारण बनती थी। शराब के नशे में मर्द महिलाओं को पीटा करते थे। अब प्रस्ताव पारित हो जाने से गांव में सुख शांति का वातावरण बनेगा। 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगदीश गोमे ने निर्देशन में हो रहा प्रचार प्रसार का कार्य पेसा जिला समन्वयक प्रितम राज बड़ौले ने बताया की 15 नवम्बर को मध्यप्रदेश में लागू हुआ था पेसा कानून15 नवम्बर को मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने पेसा एक्ट लागू होने की घोषणा की थी। 

पेसा एक्ट की तीन प्रमुख बातें
जल, जंगल, जमीन जमीन का अधिकार- 
कानून में जमीन यानी भूमि का अधिकार मुख्य तौर पर सशक्त बनाया गया है। भूमि प्रबंधन का अधिकार इतिहास में पहली बार दिया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन अध्याय 4 पैरा 16 में भूमि प्रबंधन के अधिकार दिए जा रहे हैं। 

दूसरा अधिकार जल-

आदिवासियों की आजीविका का बड़ा साधन जल है। अनुसूचित क्षेत्र में छोटे तालाब, झील, नदियां होती हैं। अभी ये वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आते थे। पेसा कानून में जनजातीय क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को जल प्रबंधन के अधिकार दिए जा रहे हैं। 

जंगल का अधिकार- 
गौण खनिज के टेंडर ले सकेंगे जनजातीय महिला समूह पेसा कानून से जुड़ी खास बातें पलायन को रोकने की व्यवस्था ग्राम सभा को अधिकार संपन्न बनाने के साथ कुछ दायित्व भी तय किए गए हैं। ग्राम सभाएं आदिवासी क्षेत्र की लेबर का रोस्टर बनाएगी। कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें रोजगार की जरूरत है। ग्राम सभाएं साल भर की माइक्रो प्लानिंग कर सकेंगी। मनरेगा के मॉडल रोस्टर में कई नाम गड़बड़ होते हैंए उन्हें ग्राम सभा सुधार सकेगी। जो लोग बाहर मजदूरी करने जाते हैंए उनकी सूची बनाई जाएगी। किस आदिवासी को कौन सा ठेकेदार कहां ले जा रहा हैए कितनी मजदूरी दी जा रही हैए यदि कोई श्रमिक शिकायत करता है, तो ग्राम सभा की सूचना पर प्रशासन कार्रवाई करेगा। गांवों में लगेंगे बोर्ड बताएंगे न्यूनतम मजदूरी ग्राम सभा अपने गांव में न्यूनतम मजदूरी का बोर्ड लगा सकती हैए जिससे जनजातीय गांव में मजदूरी की दर पता चल सकेगी। कम मजदूरी वाले मामलों की शिकायत पर कार्रवाई होगी। 

अवैध साहूकारी रोकने की कोशिश- 
आदिवासियों के क्षेत्र में अवैध साहूकारी को रोकने के लिए पेसा कानून में नियम बनाए गए हैं। अब आदिवासी को सरकार की नियत ब्याज दर पर कर्ज दे सकेगा। लेकिन उसे ग्राम सभा में लोन लेने वालों को जानकारी देनी होगी। तय दर से ज्यादा ब्याज लेने वाले साहूकारों पर कार्रवाई भी होगी। विकासखंड समन्वयक विजय गोरे ने बताया किग्राम सभाएं तय करेंगी शराब बिक्री जनजातीय क्षेत्रों में शराब नियंत्रण मादक पदार्थों के लिए ग्राम सभा नियंत्रित करना चाहेगी। तो क्रय विक्रय के लिए ग्राम सभा तय कर सकेगी। नवीन शराब दुकान की जगह तय करने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा प्रस्ताव के समय पेसा मोबिलायजर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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