धार। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन 2023 का कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है। जिसके अनुसार सम्पूर्ण जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। कार्यक्रम अनुसार 17 नवम्बर (शुक्रवार) को मतदान तथा 3 दिसम्बर (रविवार) को मतगणना कार्य संपादित किया जाना है। भारत निर्वाचन आयोग एवं मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने समस्त शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहने के निर्देष दिए है। उन्होंने निर्देष दिए है कि ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिये तथा उन्हें यह देखना चाहिये कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करना म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियत 1965 के प्रावधानों के विपरित है। निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करेंगे और न मत डालने में कोई असर डालेंगे। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिये नियोजित समस्त अधिकारी कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जावेगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे। निर्वाचन में संशक्तः पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा अपेक्षित कर्तव्य है, जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पात्र बनाती है। निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक की अवधि में केन्द्र या राज्य शासन के कोई भी अधिकारी/कर्मचारी किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरा नहीं करेंगे। मंत्री संस्था या पार्टी की ओर से आम सभा आयोजित करते है तो सभा की व्यवस्था नहीं की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित किया जाएगा। यदि कोई मंत्री चुनाव के काम के लिये कही जाती हैं, तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जायेंगे। उन अधिकारियों को छोड़कर, जिन्हें ऐसे सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था लिए सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिये तैनात किया गया हो, दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नही होना है। उपरोक्तानुसार आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी / कर्मचारी इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदर्श आचरण संहिता आयोग द्वारा निर्धारित तिथि को घोषणा दिनांक से प्रभावशील रहेगी।