चित्तौड़गढ़। विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न हो गए और जिस प्रकार सभी कयासों और अटकलें के विपरीत राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वहां की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बहुमत देकर सरकार बनाने के लिए अपना विश्वास प्रकट किया। उसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बहुत सोच विचार कर तीनों राज्यों की कमान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में नए नेताओं को सौंपकर यद्यपि एक बारगी सभी को चौंका दिया है, लेकिन विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण से लेकर चुनाव परिणाम तक जो संकेत मिल रहे हैं उससे यह अंदाज तो लगाया जा सकता है कि इस निर्णय के पीछे भी महत्वपूर्ण परिवर्तन और आगामी भविष्य की एक महत्वपूर्ण रूपरेखा तय की गई है।
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तीन राज्यों में जनता द्वारा दिए गए जनादेश की भावना को समझते हुए इन राज्यों में सत्ता की बागडोर सौंपने को लिए गए निर्णय से यह तो स्पष्ट हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक अलग ताकत है जो शासन तंत्र में बदलाव और कसावट चाहती है। वहीं पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जे पी नड्डा,राजनाथ सिंह और नितिन गड़करी जैसे बड़े नेता भाजपा संगठन की ताकत बनकर पीछे खड़े होते है।
प्रतीकात्मक रूप से परिवर्तन और अवसर देकर नयी पीढ़ी को मौका देने की जिद भी मोदी की बड़ी विशेषता है। वे जातीय गणित, जीत-हार से भी ऊपर चुने गये व्यक्ति के निजी गुणों को महत्व देते है। नेता का अहर्निश कठोर परिश्रमी होना ही मोदी की पहली शर्त है।
जनसंघ के शिल्पकार के रूप में पं दीनदयाल जी का एकात्म मानववाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का प्रखर राष्ट्रवाद भाजपा की मूल आत्मा है उनके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों का व्यावहारिक रूप ही आज मोदी प्रकट करके स्थापित कर रहे है।
यह केवल राजनीति नहीं हो सकती यह विशुद्ध पवित्र समाज शास्त्र भी है। मोदी जब गरीब के उन्नयन का संकल्प लेते है तो वे अन्त्योदय की गारण्टी दे रहे होते है,वे मानते है कि किसान का उत्थान भारत का सर्वोदय लिख सकता है, महिलाओं को सुरक्षा और अवसर की समानता का बड़ा लक्ष्य उनका स्वप्न है और भावी भारत की नींव बनने की शक्ति रखने वाले युवाओं को रोजगार- व्यापार-स्टार्टअप्स की ताकत देना उनकी इच्छानुकूल है।
सबको चौंकाते हुए छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्रित्व विष्णुदेव साय को,मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्रित्व मोहन यादव को और अब राजस्थान का मुख्यमंत्रित्व भजन लाल शर्मा को दे दिया गया। कोई पक्षपात नहीं कोई भेदभाव नहीं किन्तु एक निश्चित प्रक्रिया से संभावना भरे व्यक्ति को तलाशना,उसे दायित्व देना और उसको सत्ता में लाकर तराशना... यह प्रदर्शित करता है कि नयी पीढ़ी को ऐसे ही तो तैयार किया जाना उचित मार्ग है।
अब जब जन मन में बसे प्रभु श्रीराम लला की मनभावन मूर्ति 22 जनवरी 2024 को अपने विशाल अदभूत मन्दिर में विराजमान होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से प्राण- प्रतिष्ठा का भव्यतम कार्यक्रम सम्पन्न होगा। तब "राम राज्य" की जो भव्य कल्पना इस देश के कण कण में समाहित है,वह साकार हो सके और विश्व में भारत पुनः "विश्व-गुरु" के पद पर प्रतिष्ठित हो ऐसा संकल्प उचित ही है। जिस के अंतर्गत जनता सुखी हो, समृद्ध हो,आध्यात्मिक चेतना से अभिभूत हो, स्वाभिमानी हो,प्रकृति- पर्यावरण-धरती-जल का संरक्षण हो,शक्ति और भक्ति का समन्वय हो।
अंततः यह परिलक्षित हो रहा है कि यह सब करने के पीछे मोदी का लक्ष्य केवल एक है कि कोई भी सरकार जनता को सस्ते और मुफ्त के प्रलोभनों से बहला कर या विकासवादी सोच से भटका कर और प्रशासनिक जड़ता एवं शिथिलता से बाहर निकल कर जनता को सीधा लाभ और सुरक्षा पहुंचा सके। जनता का विश्वास शासन की शुचिता में बढ़े, भ्रष्टाचार घटे और परिवारवादी सत्तालोलुप दुराग्रह समाप्त हो,सबको तत्पर न्याय मिले, अराजकता- अन्याय- दुराचरण- हिंसा का निर्ममता पूर्वक शमन हो। राम राज्य और भारत को विश्व गुरु बनाने के कल्पना को सरकार करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सके।