नीमच। धर्म नगरी मालवा लाल माटी की पावन धरा नीमच को धन्य करने चर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी मुनिराज के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती ज्येष्ठ शिष्य वात्सल्य मूर्ति मुनि श्री 108 प्रशम सागर जी, साध्यसागर जी शीलसागर जी मुनिराज का शनिवार साय 5.30 बजे नीमच की पावन धरा पर भव्य मंगल प्रवेश संपन्न हुआ। दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष विजय विनायका जैन ब्रोकर ने बताया कि समाजजन द्वारा कीर्ति स्तंभ फव्वारा चौक पर पहुंचकर त्रय मुनिराज की भव्य मंगल अगवानी की गई। स्थानकवासी जैन समाज दिगंबर जैन समाज के सैंकड़ों लोग उपस्थित थे। अगवानी पश्चात शोभायात्रा बारादरी, तिलक मार्ग, घंटाघर होते हुए 40 विद्युत केंद्र के पीछे दिगंबर जैन मंदिर जी पहुंची।
लंबे समय बाद गुरु भाइयों का महामंगल मिलन कल-
मीडिया प्रभारी अमन विनायका ने बताया कि कार्यक्रम की पावन श्रृंखला में कल रविवार सुबह 8 बजे महामंगल मिलन कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के जेयष्ट शिष्य प्रशम सागर जी महाराज ससंघ व मुनि अनुपम सागर जी महाराज सहारनपुर उत्तर प्रदेश में चातुर्मास करने के बाद लगातार 800 किलोमीटर का निरन्तर विहार करने के पश्चात नीमच की धरा पर पधार रहे है। मुनी संघ अनुपम सागर जी महाराज ससंघ में समत्व सागर जी ऐसे भी संत है, जिन्होंने विदेश में गूगल पर करोड़ों का पैकेज जोब छोड़कर वैराग्य धारण किया। नीमच दिगम्बर जैन समाज को वर्षों बाद मुनि संघ का महावीर जयंती के कार्यक्रम में आशीर्वाद मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरु आज्ञा से अलग-अलग उपसंग बनाकर मुनि संघ अलग-अलग दिशा में विहार करते हैं। लंबे अंतराल के बाद दोनों गुरु भाइयों का नीमच की पावन धरा पर महामंगल मिलन होने जा रहा है। अनुपम सागर जी महाराज ससंघ जेयष्ठ शिष्य महाराज प्रशम सागर जी की वंदना व पाद प्रक्षालन करने को व्याकुल है। साथ ही मुनि प्रशंम सागर जी महाराज भी अनुपम सागर जी की मंगल अगवानी करने हेतु स्वयं अगवानी स्थल पर पहुंचेंगे और भव्य अगवानी करेंगे। मुनिसंघ दिगंबर जैन मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए विराजित रहेंगे। प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8 बजे दिगंबर जैन मन्दिर पर होंगे। सांय 6.30 बजे गुरु भक्ति आरती व दैनिक विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे।