नीमच। 40 वर्ष पूर्व मृत प्रायः अवस्था में पड़ी गोपाल गौशाला के अध्यक्ष पद पर कार्य करने की चुनौती मिली। लगातार गौशाला के विकास और बेहतरी के लिए संघर्ष किया गया। पिछले 10 वर्षों में इस गौशाला में 50 लाख के विकास कार्य हुए हैं। कोशिश है नीमच के नजदीक स्धित लेवड़ा की गोपाल गौशाला को देश की आदर्श गौ शाला के रूप में विकसित करने की। यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता और गोपाल गौशाला के मार्गदर्शक संपत लाल पटवा ने लेवड़ा स्थित श्री गोपाल गौशाला के स्थापना दिवस के अवसर पर कही। नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति चोपड़ा ने कहा कि गोवंश के रक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है हम निस्वार्थ भाव से गायों की सेवा करें। जिला पंचायत के सीईओ गुरु प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य की कुंजी गौ माता में है। उन्होंने प्राकृतिक खेती और देसी गाय के बारे में भी सारगर्भित प्रकाश डाला। स्वागत उद्बोधन गोपाल गौशाला के वर्तमान अध्यक्ष पारस पटवा ने दिया।
उन्होंने गौशाला के बारे में विस्तार से बताते हुए कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यान मृत पशुओं को उठाने की ज्वलंत समस्या की ओर भी आकर्षित किया। बताते चलें कि गोपाल गौशाला की शुरुआत आज से 106 वर्ष पूर्व सन 1918 में हुई। मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी गौशालाओं में शुमार गोपाल गौशाला मे 377 गोवंशों की सेवा की जाती है। आज आयोजित कार्यक्रम में 11 गौ माताओं का कंकू और अक्षत लगाकर पूजन किया गया। कार्यक्रम में संपत पटवा, गुरु प्रसाद, स्वाति चोपड़ा, शारदा धनगर,वीरेंद्र पाटीदार,अनुपाल सिंह झाला,डॉक्टर के के शर्मा मंचासीन रहे। इस अवसर पर डॉक्टर गर्विता रूनवाल, डॉक्टर मीनल पाटनी, स्नेहलता सिंह राजावत भी मौजूद रही।कार्यक्रम के अंत में गौशाला में वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण अरोन्देकर ने किया।