चीताखेड़ा। केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार की उन्नत सड़कें जो मुख्यमंत्री बात करते हैं सड़कों के मामले में सबसे धनाढ्य प्रदेश और गुणवत्ता नियंत्रण करने पर विशेष फोकस की और यातायात व्यवस्था का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर विश्लेषण, नक्शे पर प्रदर्शन और वार्षिक कार्य योजना बनानें के लिए मेनेजमेंट सिस्टम की स्थापना की। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। नीमच विधानसभा क्षेत्र के चीताखेड़ा से नीमच सड़क की दुर्दशा की, सड़क पर गड्डे कहे या गड्ढों में सड़क।
स्वच्छ, स्वस्थ, सुदृढ़ और सुरक्षित सड़कों के माध्यम से आर्थिक रूप से समृद्ध प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने की। जिला मुख्यालय से जुड़े ग्रामीण अंचलों की बरसात से कई सड़कों की हालत जीर्णशीर्ण हो गई है। वहीं सड़कों के गड्ढे इन दिनों जानलेवा बन रहे हैं। फिसलन और कीचड़ से सनी सड़कों पर लोगों का पैदल चलना तक दूभर हो गया है। जिला मुख्यालय से गांव को जोड़ती मुख्य सड़क का हाल तो और भी बुरा है। सड़क पर आवागमन वाहन धारियों के लिए सिर दर्द और जान का खतरा बना हुआ है।
चीताखेड़ा से जिला मुख्यालय नीमच पहुंच सड़क मार्ग पर महुडिया में तो सड़क पूरी तरह से छलनी हो गई है यहां गड्ढों में सड़क समा गई है हर आधे फिट पर गड्डे इतनी हैं कि वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इन दिनों बरसात के शुरुआती दौर में ही चीताखेड़ा से नीमच जोड़ रही मुख्य सड़क की हालत तो बदतर हो गई है। जहां ऐसे रास्ते जो सड़क छोटे-छोटे तालाब में बदल गई हैं, इनसे राह चलते लोगों को भारी समस्या उठानी पड़ रही है वही रास्ता के बीचो-बीच गड्ढों के चलते दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं यही हाल कराडिया महाराज घाटी पर सड़क की है पानी की निकासी नहीं होने के कारण पानी भरा हुआ रहता है। यही हाल कराड़िया महाराज और धामनिया बस स्टैंड जहां की सड़क की तो कमर ही टूट गई है। सड़क में जगह-जगह हुए गड्ढों में इन दिनों जलभराव के बाद का नजारा तो और भी ज्यादा खतरनाक है। यह सड़क मार्ग पूरी तरह से छलनी हो गई है गड्ढों में सड़क परिवर्तित हो गई है, बारिश का पानी भर जाने से पोखर में बदल चुकी हैं। हर वक्त दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है इस रास्ते की बदहाली को लेकर दिन-प्रतिदिन इलाकाई लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।बस मालिकों का कहना है कि सरकार हम से जब टेक्स वसूल करती है तो सड़क सुविधा क्यों नहीं दी जाती है। बसों में आए दिन कमानी पत्ते टूट रहे हैं। हमें आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन का रवैया ढुलमुल-
नीमच विधानसभा क्षेत्र के चीताखेड़ा समेत क्षेत्र में कई जगह खस्ताहाल सड़कों के बावजूद प्रशासन ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए। खासकर चीताखेड़ा से नीमच पहुंच मार्ग में विगत कई वर्षों से सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है जहां से सफर जानलेवा होने के बावजूद प्रशासन ने गड्ढों को वैकल्पिक व्यवस्था से ठीक कराने की कोई व्यवस्था नहीं की। यही हाल चीताखेड़ा से जीरन पहुंच मार्ग का हो गया है।
इन गांवों की जनता आज भी डामरीकरण सड़क के लिए तरस रही है -
आज भी राबडिया से हरनावदा,बरकटी से घसुण्डी जागीर, जामनगर से बरकटी, पिपलिया जागीर से खडवेलिया, चीताखेड़ा से गमेरपुरा,भिलोकाखेडा, हरनावदा से गोविंदपुरा गांव की जनता डामरीकरण सड़क के लिए तरस रही है। नीमच क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह परिहार विगत 13 सालों से विकास के लिए कृतसंकल्पित जरुर रहे हैं।
इनका कहना-
नीमच चीताखेड़ा मार्ग टू लाइन स्वीकृति मिल गई है हम 15 से 20 दिन में नई सड़क निर्माण कार्य शुरू करेंगे।मडूडिया , धामनिया और कराड़िया महाराज में मुख्य सड़क पर ज्यादा गड्डे हो गये है हम उसमें फिलहाल मिट्टी भरवाकर वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही करवाकर चलायमान कर लेंगे।- एस.डी.ओ.सुरज जानिया , पीडब्ल्यूडी विभाग नीमच।