नीमच। इस रक्षाबंधन पर जहां देशभर में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधकर स्नेह और सुरक्षा का संकल्प निभा रही हैं, वहीं नीमच में एक अनूठी और भावनात्मक पहल देखने को मिली। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, नीमच जिला इकाई और जिले के विभिन्न विद्यालयों की छात्राओं ने मिलकर एक राखी सैनिक के नाम अभियान के तहत सरहदों पर तैनात हमारे वीर जवानों को न केवल राखियाँ भेजी हैं, बल्कि दिल को छू लेने वाले स्नेहभरे संदेशों के माध्यम से उन्हें भावनात्मक समर्थन और सम्मान भी अर्पित किया है।
25 से अधिक विद्यालयों की छात्राओं ने लिया भाग-
यह अभियान विगत चार वर्षों से चलाया जा रहा है, और इस वर्ष इसमें विशेष रूप से 25 से अधिक विद्यालयों की छात्राओं ने भाग लिया। छात्राओं ने अपने हाथों से रंग-बिरंगी, आकर्षक राखियाँ तैयार कीं, जिनमें सिर्फ धागों की बुनावट नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम, कृतज्ञता और भावनाओं का मजबूत ताना-बाना भी बुना गया।
सैनिकों के लिए बहनों के भाव-
हर राखी के साथ छात्राओं ने भावनाओं से सराबोर पत्र और संदेश भी भेजे। इनमें सैनिकों के साहस, त्याग और समर्पण के प्रति आदर व्यक्त किया गया। इन्हीं में से एक छात्रा आरती ने अपने पत्र में लिखा- “सैनिक देश का गौरव है। मैं आपके साथ-साथ आपके परिवार के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ। ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि तिरंगे का उपयोग केवल फहराने के लिए हो, शहीदों के लिए नहीं। हम सभी बहनें आपके सुरक्षित और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।” ऐसे कई संदेश उन वीर सैनिकों को भेजे गए हैं, जो रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर भी अपने घर-परिवार से दूर, देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात हैं।
दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचेंगी राखियां-
इस अभियान के अंतर्गत लगभग 5000 राखियाँ सावधानीपूर्वक सुंदर डिब्बों में पैक की गईं और इन्हें शहीद पार्क, नीमच से पूर्व सैनिकों के एक समूह द्वारा डाक सेवा के माध्यम से रवाना किया गया। यह राखियां विशेष रूप से राष्ट्रीय राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल और अन्य सीमावर्ती व अति दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों तक पहुंचाई जाएगी।
सैनिकों की कलाइयों पर बंधेगी बहनों की भावना-
अभियान से जुड़े पूर्व सैनिकों और परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि यह पहल सिर्फ राखी बाँधने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की बेटियों द्वारा उन रक्षकों के प्रति स्नेह, आभार और नैतिक समर्थन की एक जीवंत मिसाल है, जो अपने कर्तव्यों की पूर्ति में परिवार से दूर कठिन परिस्थितियों में दिन-रात लगे रहते हैं। राखियाँ जब उन वीर जवानों की कलाइयों पर बंधेंगी, तो यह उन्हें यह अहसास कराएंगी कि देश की हर बहन उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रही है, और उन्हें याद कर रही है।
देशभर के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा नीमच से शुरू हुआ यह अभियान-
इस मार्मिक अभियान में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की नीमच इकाई की अहम भूमिका रही, जिसके संयोजन में यह आयोजन संभव हुआ। परिषद के पदाधिकारियों, विद्यालयों के शिक्षकों, छात्राओं तथा स्वयंसेवकों ने मिलकर इस कार्य को सुचारू रूप से संपन्न किया। यह प्रयास केवल एक त्योहार को मनाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सशस्त्र बलों के प्रति समाज की श्रद्धा और एकजुटता को भी दर्शाता है। नीमच से शुरू हुआ यह अभियान निश्चित रूप से देशभर में प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।