नीमच। घर-घर से हमारा नाता है, सरकार बदलना आता है, यह नारा गुंजायमान करते हुए आशा,उषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश की नीमच इकाई की महिला कार्यकर्ता आज जिला कलेक्टर कार्याल पहुंचीं। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसीलदार एम एल वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि आशा, उषा कार्यकर्ताएं मात्र 2000 के अल्प वेतन पर आम जनता के स्वास्थ्य की दिन रात देखभाल करती है। अन्य राज्य सरकार आशा पर्यवेक्षकों को वर्षों से अतिरिक्त वेतन देकर राहत पहुंचा रही है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार पिछले 16 वर्षों से आशा उषा पर्यवेक्षकों को कुछ नहीं दे रही है। मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। जिसे लेकर 15 मार्च से आशा उषा कार्यकर्ता प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल पर है।
ज्ञापन में मांग की गई कि मिशन संचालक एन एच एम मध्य प्रदेश द्वारा दिए गए निर्णय को लागू कर आशा को 10000 एवं पर्यवेक्षकों को 15000 का निश्चित वेतन दिया जाए। आशा,उषा, आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए ।न्यूनतम वेतन,भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। न्यूनतम वेतन 26000 निर्धारित किया जाए। प्रत्येक माह की 5 तारीख को भुगतान सुनिश्चित किया जाए। आशाओं से बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार रोका जाए।
आशाओं की सभी मीटिंग और पर्यवेक्षकों को वास्तविक यात्रा का भुगतान किया जाए। 20 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाए। मेडिकल लीव का नियम बनाया जाए।आशा एवं पर्यवेक्षकों को कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश और सुविधाएं दी जाए। ज्ञापन का वाचन ममता राठौड़ ने किया। ज्ञापन देते समय उषा तिवारी, रेखा व्यास, अनीता गर्ग, कांता बैरागी, शालिनी जैन, सुनीता धाकड़, नीतू जाटव,पूनम कलाल सहित बड़ी संख्या में आशा उषा कार्यकर्ताएं कलेक्टर कार्यालय पर मौजूद रही।