उज्जैन | कांग्रेस ने एक बार फिर मास्टर प्लान पर सवाल खड़े करते हुए सिहंस्थ क्षेत्र की जमीन को आवासीय करने पर विरोध किया है। मंगलवार को टावर चौक पर कांग्रेस नेताओं ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन को बचाने का आव्हान किया। लोगों ने स्वेच्छा से हस्ताक्षर किए।
पिछले दिनों जारी हुए उज्जैन के मास्टर प्लान में सिंहस्थ के लिए रिजर्व 872 एकड़ जमीन में से 185 एकड़ जमीन को लैंडयूज बदलकर अलग कर दिया गया है। इस 185 एकड़ में 29 एकड़ जमीन उच्च शिक्षा मंत्री व विधायक डॉ. मोहन यादव और उनके परिवार के नाम पर है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि मंत्री और रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ही उज्जैन के मास्टर प्लान-2035 में यह बदलाव किया गया है। सिंहस्थ की इस रिजर्व जमीन का लैंडयूज कृषि से बदलकर आवासीय कर दिया गया है, ताकि यहां निजी कॉलोनियां डेवलप हो सकें। मास्टर प्लान घोषित होने के बाद से कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक है। मंगलवार को शहर कांग्रेस ने टॉवर चौक पर सिहंस्थ की भूमि बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया। कांग्रेस नेता अजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि जो मास्टर प्लान लागू किया गया है, उस मास्टर प्लान में सिहंस्थ के लिए आरक्षित भूमि जो मंत्री और उनके रिश्तेदारों और बिल्डरों की भूमि थी उस भूमि को सिहंस्थ रिजर्व भूमि से हटाकर आवासीय भूमि कर दी है। कांग्रेस कमेटी ने सिहंस्थ भूमि को बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया है। हजारों लोगों ने हस्ताक्षर किए है। जनता भी चाहती है कि सिहंस्थ क्षेत्र की भूमि आरक्षित की जाए। गौरतलब है कि शहर का मास्टर प्लान करीब ढाई साल तक अटका रहा। सिंहस्थ-2028 में 10 से 13 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, इसलिए ज्यादा जमीन की जरूरत होगी। बावजूद इसके रिजर्व जमीन में से मंत्री व उनके रिश्तेदारों की जमीन को सिंहस्थ से मुक्त कर दिया गया।