BREAKING NEWS
BIG NEWS : पति से परेशान पत्नी ने बच्चों के साथ.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : कैलाश नगर बैरागढ़ में ब्राह्मण समाज की.. <<     KHABAR : इंदौर में मतदान दलों का सात दिवसीय.. <<     NEWS : देवरिया पेट्रोल पम्प के पास दो बाइक में.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : मतदाताओं को जागरूक करने के प्रयास जोर पर,.. <<     KHABAR : अभाविप भोपाल ने निकाली मतदाता जागरूकता.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : शाली वाहन से शुरू हुई पंचकोशी पद यात्रा,.. <<     KHABAR : अग्रवाल मार्बल हाउस की आड में चल रहा अवैध.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : प्रथम बार वोट डालने वाले युवाओं के लिए.. <<     REPORT : मतदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : मतदाता पर्ची नहीं मिली तो ऑनलाइन भी ले.. <<     KHABAR : संभागीय कमिश्नर राजस्व कार्य तथा पेयजल.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : विद्युत वितरण कंपनी ने किया आमजन को आगाह,.. <<     BIG NEWS : लोकसभा चुनाव और नीमच जिले का गांव कोटड़ी.. <<    
वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन के लिए..
October 28, 2023, 1:02 pm
KHABAR : प्रत्येक मनुष्य को पहले अपना कल्याण करने की सोचना चाहिए, चातुर्मासिक धार्मिक अनुष्ठान में आचार्य श्री प्रसन्न चंद्र सागरजी ने कहा, पढ़े खबर 

Share On:-

नीमच। श्रद्धा और विश्वास आत्म कल्याण का सशक्त माध्यम होता है। प्रत्येक मनुष्य को पहले अपना कल्याण करने की सोचना चाहिए। अपना कल्याण होगा तो विश्व का कल्याण अपने आप हो जाएगा। विश्व कल्याण की दृष्टि लेकर चलेंगे तो वह कभी भी नहीं होगा। लेकिन आत्म कल्याण की दृष्टि लेकर चलेंगे तो खुद का भी कल्याण होगा और सबका कल्याण भी हो जाएगा। आचरण में श्रद्धा और विश्वास को आत्मसात किए बिना उसका जीवन में कोई मूल्य नहीं होता है। यह बात आचार्य श्री प्रसन्न चंद्र सागरजी ने कही।

श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्व नाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ के तत्वावधान में पुस्तक बाजार स्थित आराधना भवन में आचार्य श्री प्रसन्न चंद्र सागरजी मसा के सानिध्य में चातुर्मासिक धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। पुस्तक बाजार स्थित कोठारी आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री ने कहा कि नवपद ओली जी की आराधना की तपस्या में तीन उद्देश्यों की पूर्ति होती है पहला चित् की निर्मलता आती है। दूसरा संस्कारों का परिष्कार होता है और तीसरा समय की सार्थकता होती है।

आचार्य श्री ने कहा कि समय के मूल्य और महत्व को समझने वाला ही समझदार होता है। नवपद आराधना को जो भी आत्मसात करता है वह अपने जीवन को सार्थक कर लेता है। विश्व कल्याण का भाव आकाश में सुधार करने जैसा है जबकि स्वयं का कल्याण जमीनी सुधार का प्रतीक है। हर व्यक्ति अपने आप में सुधार कर सकता है, इसलिए खुद सुधरे तो जग सुधरेगा की युक्ति को चरितार्थ करना चाहिए। परमात्मा का स्मरण करें तो सम्यक तत्व निर्मल हो जाएगा। संसार के व्यवहार में अपने कर्म को स्थिर रखना मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है।

दीपावली के दिनों में सफाई करने से जीवों की हत्या होती है पाप कर्म बढ़ता है। इसलिए हम क्षमा प्रायश्चित करते हुए सफाई का कार्य करें तो हमारे पाप कर्म काम हो सकते हैं। धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावन चंद्र सागरजी, साध्वी भद्र पूर्णा श्रीजी का भी सानिध्य मिला। जैन भवन में प्रवचन देते आचार्य श्री और उपस्थित समाजजन।

VOICE OF MP
एडिटर की चुनी हुई ख़बरें आपके लिए
SUBSCRIBE