झाबुआ। मध्यप्रदेश प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के निर्देशानुसार दीपावली पर्व के दौरान फटाको के निर्माण, उपयोग,विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में मानक संचालक प्रक्रिया जारी की गई है।
जिसके अंतर्गत दीपावली पर्व के समय रात्रि 08:00 से 10:00 बजे तक ग्रीन फटाकों का उपयोग सिर्फ उन शहरों में किया जा सकता है, जहाँ नवम्बर 2021 की स्थिति में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम अथवा उससे कम श्रेणी की हैं। माह नवम्बर 2021 के दौरान यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) Poor & above Category वाले सभी शहरों में फटाकों पर पूर्णतः प्रतिबंध लागू रहेगा। फटाकों का प्रस्फोटन संवेदनशील क्षेत्रों (Silence Zones) जैसे अस्पताल, नर्सिंग होम्स, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों इत्यादि से 100 मीटर की दूरी तक प्रतिबधिंत है, अतः जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस यह सुनिश्चित करेगा कि संवेदनशील क्षेत्रों के 100 मीटर की दूरी के तक फटाकों का प्रस्फोटन न हो।
ग्रीन फटाकों हेतु Petroleum & Explosive Safety Organisation (PESO) व National Environmental Engineering Research Insitiute (NERI) द्वारा स्वेच्छिक वर्गीकरण किया जाता है, जिसमें फटाकों के पैकिंग पर लोगो प्रिंट रहता है तथा पंजीकृत निर्माताओं की सूची NEERI की वेबसाईट www.neerires.in/file homes/17164660Istfireworknda 28102021.pdf पर उपलब्ध है। इस लोगो को स्केन करने पर फटाकों के पंजीकृत विवरण निर्माताकर्ता का विवरण उपलब्ध हो जाता हैं।
ग्रीन फटाकों के अंतर्गत फुलझडी, अनार व मेरुन आते हैं। फटाकों मे बेरियम सॉल्ट इत्यादि विषैले रसायनों का उपयोग प्रतिबंधित हैं। लड़ी (जुडे हुए फटाकों) का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन भी प्रतिबधिंत हैं। फटाकों की तीव्रता प्रस्फोटन स्थल से 04 मीटर पर 125 डी.बी. (ए) से अधिक नही होना चाहिए। फटाकों की ऑनलाईन सेल (जैसे अमेजॉन, फिलिपकार्ट, इत्यादि से) प्रतिबधिंत हैं।
मानकों के अनुरूप निर्धारित ध्वनि स्तर के फटाकों का निर्माण एवं विक्रय की जांच हेतु नमूने एकत्रित कर इनका विश्लेषण PESO अथवा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशालाओं में कराया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय एवं हरित अधिकरण, सेंट्रल जोन, भोपाल के आदेशनुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुल 14 दिन (दीपावली से 07 दिन पूर्व एवं दीपावली से 07 दिन पश्चात) परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग नियमित पैरामीटर के साथ अन्य प्रदूषक जैसे एल्यूमिनियम, बेरियम, आयरन का विश्लेषण भी किया जाना है जिसके लिए मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सभी प्रयोगशालाओं को निर्देशित किया जा चुका है।
फटाकों के जलने के उपरांत बचे हुये कागज के टुकडे एवं अधजली बारूद के संपर्क में आने से पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना रहती है। अतः फटाकों के जलने के उपरांत उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थानों पर न फेंका जायें जहाँ पर प्राकृतिक जल स्त्रोत एव/ पेय जल स्त्रोत प्रदूषित की संभावना हो। अतः फटाकों के जलने के उपरांत बचे हुये कचरे को पृथक स्थान पर एकत्रित किया जाये तथा नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपा जाए।