खरगोन। स्वास्थ्य सेवाओं में जिले का नाम पहले पायदान पर हो, खासकर ट्रायवल क्षेत्रों में, इसी को लेकर आकांक्षी कार्यक्रम के तहत सोमवार को शहर के सनावद रोड स्थित निजी होटल में स्वास्थ्यकर्मियों की बैठक आयोजित की गई।
इसमें दिल्ली के उप निदेशक (टीबी) सेंट्रल टीबी डिवीजन डॉ. रघुराम राव ने कहा कि यह एक विकास पहल है जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार करना है जो विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़ रहे हैं। खरगोन जिले के झिरन्या और भगवानपुरा क्षेत्र को योजना के तहत चिन्हित किया गया है। बैठक में झिरन्या स्वास्थ्यकर्मियों ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही मानव संसाधनों की कमियां भी गिनाई, जिसमें बताया कि पहाड़ी एवं दुरस्थ पहुंचविहिन वन क्षेत्र। मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता नही- 20 स्वास्थ्य संस्थाओं तक मोबाइल नेटवर्क नही है। अस्थायी पलायन एवं महाराष्ट्र राज्य से सीमा होना। मानव संसाधन की कमी, 12 एएनएम, 10 सीएचओ, 4 सुपरवाईजर, 5 आशा सुपरवाईजर, 2 सीएचओ, एमओ, 2 फार्मासिस्ट की कमी। 24 भवन विहिन उप स्वास्थ्य केंद्र है। इसके अलावा साक्षरता की कमी एवं रुढ़ीवादिता भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित करती है। बैठक में दिल्ली के डॉ. शशांक मालवीय, डॉ. राहुल श्रीवास्तव, सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसौदिया भी मौजूद थे। डीपीएम मनीष भद्रावले ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जिले के आंकड़े प्रस्तुत किए।