शाजापुर। देशभर में 1 जुलाई से भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधान लागू होने पर शाजापुर जिले के सभी थानों में रात 12 बजे आतिशबाजी कर खुशी मनाई।
जिले के सभी थानों पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई। थाना परिसर में रंगोली बनाई गई। एसपी यशपाल सिंह राजपूत, एडिशनल एसपी टीएस बघेल ने पुलिसकर्मियों के साथ कोतवाली थाने पर न ए कानून लागू होने का जश्न मनाया। जश्न मनाते हुए आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाई।
एसपी यशपाल सिंह राजपूत ने बताया भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता लागू होगी। दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की शुरुआत होने वाली है। देश में 150 वर्ष पहले के अंग्रेजों के कानून को बदलकर न ए भारत का कानून लागू हुआ है। नए कानून में जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर का प्रावधान ऐसा किया गया है कि व्यक्ति कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकता है।
वो तीन दिन में आ जाता है तो उसकी एफआईआर हो जाएगी। वह कहां है उसकी उपस्थिति मायने नहीं रखती। जिस पीड़ित के साथ घटना घटित हुई है तो उसे 90 दिन में उसकी डिटेल बताना है। उसका केस किस स्थिति में है। पीड़िता का मेडिकल और रिपोर्ट डॉक्टर द्वारा 7 दिन में देना जरूरी है।
धाराओं में हुई कमी
भारतीय न्याय संहिता में 511 धाराएं थी। इसे कम कर 358 धाराओं में कर दिया गया है। पहले सजाओं में कम्यूनिटी पनिश्मेंट का प्रावधान नहीं था। अब किया गया है। महिला, बच्चों के लिए एक अध्याय अलग कर दिया गया है। ऑडियो, वीडियो बयानों को रिकार्ड करके ही देना है। इलेक्ट्रानिक डॉक्यूमेंट को मान्यता दी गई है। साक्ष्य अधिनियम में भी इलेक्ट्रानिक डॉक्यूमेंट मान्य किया जाएगा। डिजिटल रिकार्ड को प्रमाणीकरण किया गया है।
नए कानून में सात दिन की मेडिकल रिपोर्ट देना अनिवार्य रखा गया है। 18 साल से कम की बच्ची के साथ गैंगरेप होता है तो आजीवन कारावास और मृत्यु दंड की सजा का प्रावधान है। न्याय प्रणाली में टेक्नोलॉजी का उपयोग अधिक किया गया है। संमन्स, वारंट को इलेक्ट्रानिकली भेजने का प्रावधान किया गया है। तलाशी, जब्ती की ऑडियो, वीडियो रिकार्डिंग कराना अनिवार्य होगा। पहले अदमचेक होता था उसको अब 15 दिन में मजिस्ट्रेट को तैयार कर देना जरूरी है। पहले नहीं था।नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से कईं बिंदू शामिल किए गए।