NEWS : मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ द्वारा आयोजित 19 वें कल्याण महाकुंभ के दौरान विविध आयोजनों ने रचा नया इतिहास, पढे़ रेखा खाबिया की खबर

June 30, 2024, 5:47 pm




निंबाहेड़ा। मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ द्वारा आयोजित 19 वें कल्याण महाकुंभ के दौरान विविध धार्मिक अनुष्ठान एवं आयोजनों ने नया इतिहास रच दिया। अष्ट दिवसीय आयोजन के दौरान 15 पुराण के रूप में नारदीय महापुराण की विस्तृत व्याख्या व्यंकटेश बालाजी दिव्य धाम अलवर के स्वामी सुदर्शनाचार्य जी ने अपने ही अंदाज में श्रवण कराकर ब्राह्माण्ड के समस्त देवों में महर्षि नारद की उपादेयता को प्रकट किया। जिसे श्रवण कर कई श्रद्धालु आनंदित होते रहे। आयोजन के दौरान द्वादश अक्षर मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का लक्ष्य सवा लाख लिया, लेकिन चार गुणा मंत्र जाप कर वातावरण को विष्णुमय बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। वेदपीठ ने इस आयोजन को सिद्धाश्रम तीर्थ निरूपित करने के साथ ही नारदीय यज्ञशाला में 51 कुण्डीय विष्णु महायज्ञ में 1700 से अधिक यजमान युगलों ने शाकल्य एवं गौघृत्य की आहूतियां देकर वातावरण को यज्ञ की परंपरा फलीभूत कर दिया। कथाओं के लिए प्रतिष्ठित नेमीशारण्य तीर्थ को कथा मंडप का नाम देकर पुराणों की कथाओं का पावन स्थल बना दिया। इतना ही नहीं ठाकुरजी के नितनये श्रंगार और नानाविध प्रकार के छप्पनभोग ने तो भक्तों को इतना आकर्षित किया कि प्रतिदिन मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। सात दिवसीय भजन संध्या में भी विभिन्न भजन गायकों की प्रस्तुति ने ऐसी स्वर सरिता प्रवाहित की कि श्रोता तालियों की संगत के साथ उसमें गौते लगाते रहें। मातृ-पितृ पूजन ने तो एकल परिवारों को शिव-पार्वती, गणेश बनाने और भावी पीढ़ी को नये संस्कार देने का स्तुत्य प्रयास किया गया। महाकुंभ के अंतिम दिवस दिव्य दर्शन से लेकर शयन आरती तक हजारों भक्तों ने अपने आराध्य के अनुपम स्वरूप के दर्शन कर जहां स्वयं को धन्य किया वहीं सतरंगी फूलों और फलों की झांकियों ने वेदपीठ को भिनी-भिनी महक को सुगंधित कर दिया। हजारों भक्तों ने ठाकुरजी की महाप्रसादी ग्रहण कर एक नये यज्ञ को पूर्ण करने में अपनी भागीदारी निभाई।  प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगकर्ताओं के प्रति वेदपीठ की ओर से आभार अष्ट दिवसीय महाकुंभ के दौरान विभिन्न आयोजनों एवं अनुष्ठानों में भागीदारी निभाकर इस आयोजन को द्विगुणित करने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग करने वालों के प्रति वेदपीठ एवं मंदिर न्यास की ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया गया हैं। वेदपीठ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन में विशिष्ट रूप से वेदपीठ के आचार्यों, वर्तमान एवं पूर्व बटुकों, वीर-वीरांगनाओं, शक्ति ग्रुप की बालिकाओं, कृष्णा शक्ति दल की माता-बहनों, अनेकानेक कल्याण भक्तों के साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, नगरपालिका, विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, भामाशाहों के अलावा संपूर्ण मीडिया जगत ने जो शलाघनीय सहयोग किया हैं उसके प्रति वेदपीठ की ओर से हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करते हुए आशा की गई कि भविष्य में भी वेदपीठ एवं वैदिक विश्वविद्यालय को सभी का समन्वित एवं हर संभव सहयोग मिलता रहेगा। आयोजन के अंतिम दिवस वीर-वीरांगनाओं के विदाई समारोह के दौरान भी भावुक क्षण दिखाई दिए। इस मौके पर शैक्षणिक उपलब्धि के साथ उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वीर-वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया गया।

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