बारां। दिनांक 11 दिसम्बर 2022 को राष्ट्रीय अफीम किसान समिति राजस्थान मध्यप्रदेश के तत्वाधन में माताजी की डूंगरी सरथल तहसील छिपाबड़ोद पर विशाल बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों अफीम किसानों ने भाग लिया। जिसमें सभी अफीम किसानों ने अपने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई और नारकोटिक्स विभाग की भ्रष्ट नीतियों के बारे में रोष प्रकट किया गया।
छिपाबड़ौद जिला बारां में सन 2022 में जारी किए गए 160 अफीम पट्टे जिनकी किसानों ने बुवाई भी कर दी है और फसल 35 से 40 दिन तक की हो चुकी है और अब नारकोटिक्स विभाग वाले इस बात को ऊपर सरकार को नहीं बता रहे है कि किसानों ने अफीम फसल की बुवाई कर दी है और किसानों को गुमराह कर ये बोल रहे हैं कि आप अपनी बोई हुई अफीम को हांक दो और किसी को मत बताना की हमने अफीम की बुवाई कर दी थी। ये अपनी गलती की सजा किसानों को दे रहे है।
ऐसी अनेक समस्याओं को लेकर अफीम किसान समिति राजस्थान-मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा मीटिंग की गई। जिसमें सैकड़ों अफीम किसान उपस्थित हुए और किसानों ने अपनी अफ़ीम फसल को नहीं हांकने की बात बताई। विभागीय अधिकारियों की गलती की सजा किसानों को क्यों दी जा रही है ऐसा बताने पर राष्ट्रिय अफीम किसान समिति राजस्थान मध्यप्रदेश से आए पदाधिकारियों जिसमें संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट, राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास बैरागी, महासचिव भोपाल सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि आप डरो मत और अपनी अफ़ीम की फसल को हांको मत। आपकी बात को ऊपर सरकार दिल्ली तक और नारकोटिक्स विभाग दिल्ली और ग्वालियर तक पहुंचाएंगे ओर सजा गलती करने वालों को दिलाएंगे और सभी अफीम किसानों की सहमति से आने वाली दिनांक 25 दिसम्बर 2022 को दिल्ली जंतर मंतर पहुंच कर धरना दिया जायेगा और किसानों की सभी समस्याओं से अवगत कराया जायेगा। जिसमे 1997-98 में से कटे हुए सभी अफीम पट्टे बहाली के साथ ही अफीम नीति 2022-23 में संशोधन किया जाए, सीपीएस बंद कर लुवाई चिराई का आदेश दिया जाए। क्योंकि अफीम किसानों ने कभी सीपीएस मांगा ही नहीं तो लुवाई चिराई के अफीम पट्टे मांगे थे व अफीम की कीमत बढ़ाई जावे और दोषी अधिकारियों को सजा मिले। इस प्रकार किसानो ने अपना दर्द जाहिर किया दिल्ली कूच कि तैयारी शुरू कर दी।