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August 22, 2025, 1:46 pm
KHABAR : मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड चेयरमैन के फरमान से मुस्लिम समाज परेशान, राष्ट्रीय मानव अधिकार मंच के भूरा कुरैशी ने उठाया सवाल, बोले- शीघ्र समाधान की आवश्यकता, पढ़े खबर 

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नीमच। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड चेयरमैन सनवर पटेल द्वारा कार्यभार संभालने के बाद जारी किए गए कुछ नए आदेशों को लेकर मुस्लिम समाज में असंतोष व्याप्त है। समाजजनों का कहना है कि ये फरमान तुगलकी और हिटलरशाही की तरह प्रतीत होते हैं, जिनके कारण प्रदेशभर में मस्जिद, मदरसा, दरगाह और ईदगाह जैसी धार्मिक संस्थाओं की समितियों का गठन प्रभावित हो रहा है।

स्थानीय समाज के अनुसार परंपरागत रूप से किसी भी धार्मिक स्थल के सुचारू संचालन हेतु स्थानीय लोगों की समिति बनाई जाती है। अब नई व्यवस्था के अनुसार समिति बनाने के लिए पहले जिला वक्फ समिति से अनुशंसा आवश्यक है। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष से भी अनुशंसा कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

समाजजनों का कहना है कि भाजपा जिलाध्यक्ष धार्मिक स्थलों की स्थिति और उनकी व्यवस्थाओं से अवगत नहीं होते, जिससे अनुशंसा में टालमटोल की जाती है। परिणामस्वरूप समितियों का गठन लंबित हो रहा है। समिति गठन की प्रक्रिया में वकील की फीस और स्टाम्प पेपर आदि पर लगभग पाँच हजार रुपये तक का खर्च भी आता है, लेकिन अनुशंसा न मिलने से यह खर्च व्यर्थ जा रहा है।

मुस्लिम समाज का कहना है कि वक्फ बोर्ड चेयरमैन को निर्देश देना चाहिए कि भाजपा जिलाध्यक्ष, समिति गठन हेतु प्राप्त प्रस्तावों की जांच कर सरलता से अनुशंसा करें, ताकि धार्मिक स्थलों की समितियाँ समय पर बन सकें और उनका संचालन व्यवस्थित रूप से हो।

इस संबंध में भूरा कुरैशी, राष्ट्रीय मानव अधिकार मंच, जिला अध्यक्ष नीमच (म.प्र.) ने कहा कि अनुशंसा प्रक्रिया की जटिलताओं के कारण समाज में भारी परेशानी हो रही है और शीघ्र समाधान की आवश्यकता है।

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