खरगोन। कसरावद नगर में पर्यावरण की अलख जगाने वाले प्रकृति पुत्र हीरालाल कुशवाह को शुक्रवार को कुशवाह समाज धर्मशाला में श्रद्धांजलि एवं शोक सभा के माध्यम से अंतिम विदाई दी गई। गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र, गायत्री शक्तिपीठ के भूतपूर्व कोषाध्यक्ष एवं ट्रस्टी हीरालाल कुशवाह का विगत दिनों आकस्मिक निधन हो गया था। उनके निधन से संपूर्ण नगर एवं पर्यावरण प्रेमियों के बीच शोक की लहर छा गई। वे नगर में समाज सेवा के कार्यों में सदैव अग्रणी रहे।
शुक्रवार को उनके ग्यारहवें के कार्यक्रम में श्रद्धांजलि एवं शोक सभा का आयोजन हुआ। उत्तर कार्य का संपूर्ण कर्मकांड गायत्री परिवार के वानप्रस्थी एवं उनके अभिन्न मित्र माधव पाटीदार एवं गायत्री शक्तिपीठ के पुरोहित रामजी पाटीदार ने संपन्न कराया। श्रद्धांजलि के अवसर पर गायत्री परिवार के तहसील संयोजक मनोज यादव ने उनके सद्कार्यों को याद करते हुए बताया कि हीरालाल बड़े ही सरल, सहज और सदाशयी व्यक्तित्व के धनी थे। अपने सद्भाव भरे व्यक्तिव के लिए वे पूरे नगर में जाने जाते थे।
गायत्री परिजनों ने बताया कि प्रकृति, पर्यावरण एवं पेड़ पौधों के प्रति उनकी इतनी गहन रूचि थी कि उन्होंने मिशन के वृक्ष गंगा अभियान सहित अपने खेत की पड़त भूमि एवं मेड़ों पर 500 से अधिक वृक्ष अपने स्वयं के खर्च से तैयार किए। उन्होंने अपने रिटायरमेंट पर 65 वें जन्मदिन के अवसर पर 65 त्रिवेणियों का रोपण 65 दंपतियों के हाथों करवाया था।
गायत्री परिवार सहित कुशवाह समाज के पदाधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि के अवसर पर उनके व्यक्तित्व को याद करते हुए भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की।