चित्तौड़गढ़। सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान राजस्थान द्वारा 1 व 2 अप्रैल को इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय वीर सावरकर साहित्य सम्मेलन को लेकर आयोजन समिति की महत्वपूर्ण बैठक महिला शक्ति एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ हुई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय सचिव एवं महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रवींद्र माधव साठे ने कहा कि सावरकर साहित्य सम्मेलन में भाग लेने वाले पहले सावरकर के चरित्र को पढ़ें तो ही हमारा उद्देश्य पूर्ण होगा। पूरे देश को सावरकर के बारे में पता होना चाहिए। सावरकर साहित्य सम्मेलन देश के विभिन्न स्थानों पर पूर्व में आयोजित हो चुके हैं, इसी क्रम में राजस्थान में प्रथम बार चित्तौड़गढ़ में सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य रूप से सावरकर के विचारों की प्रासंगिकता रहेगी।
आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल को उद्घाटन सत्र में सावरकर के विचारों के अभ्यासक, चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ मुख्य अतिथि होंगे। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, सम्मेलन के समापन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े मुख्य अतिथि रहेंगे। सम्मेलन में देश भर से लगभग एक हजार प्रतिभागी सम्मिलित होंगे। संभाग प्रभारी लोकेश त्रिपाठी ने सम्मेलन की रूपरेखा रखते हुए बताया कि साहित्य सम्मेलन में मुख्य रूप से वीर सावरकर की दूरदर्शिता, वीर सावरकर प्रेरित सामाजिक क्रांति, वीर सावरकर इतिहास विषय दृष्टिकोण एवं वीर सावरकर की सुरक्षा भिमुख विदेश नीति के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
बैठक को राजस्थान प्रदेश संयोजिका विजया पारीक, उपाध्यक्ष राघव गर्ग, संरक्षक राजेश भट्ट एवं गोपाल चरण बनेड़ा, सुशील शर्मा,सागर सोनी, महिला संभाग प्रभारी रश्मि सक्सैना, आयोजन समिति के उपाध्यक्ष रमेश बोरीवाल आदि ने भी संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में हरीश ईनानी,परमजीत सिंह, लक्ष्मीनारायण जोशी, देवी सिंह राव, विश्वनाथ टांक, विनीत तिवारी, रामप्रसाद बघेरवाल, राजन माली, मुकेश नाहटा, शेखर शर्मा,भरत जागेटिया, गोवर्धन जाट, सतपाल दुआ, अशोक पालीवाल, भोलाराम प्रजापत, ओमप्रकाश शर्मा, साधना मंडलोई, चेतन गौड, रामप्रसाद बघेरवाल, अशोक सोनी आदि उपस्थित थे।