सतना। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सोमवार को समय सीमा प्रकरणों की बैठक में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के शत-प्रतिशत पंजीकृत हितग्राहियों के खाते बैंक से डीबीटी सक्रिय कराने की कार्यवाही दो दिनों के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। समय सीमा प्रकरणों की बैठक में कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायत के सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ को शेष खातों में दो दिवस के भीतर कार्यवाही पूरी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि डीबीटी सक्रिय नहीं होने से कोई हितग्राही लाभ से वंचित हुआ तो अधिकारियों पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।
इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े, एसडीएम आरती यादव, आरएन खरे, राजेश मेहता, सुरेश जादव, जीतेन्द्र वर्मा, सुरेश गुप्ता, सुधीर बैक सहित विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने जनपद और नगरीय निकायवार मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में पंजीकृत हितग्राहियों को आधार लिंक और डीबीटी इनेवल्ड विहीन खातों को सक्रिय करने की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में प्राप्त आपत्ति शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की और दो दिनों के भीतर सभी शिकायतें निराकृत कर अंतिम सूची तैयार करने के निर्देश दिये। सीईओ जनपद रामनगर और अमरपाटन ने बताया कि योजना के कार्यों में महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ का सहयोग नहीं मिल रहा है। कलेक्टर ने योजना में असहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि शासन की प्राथमिकता की योजनाओं में एसडीएम अपने क्षेत्र में नेतृत्व करे, उन्होंने कहा कि एसडीएम की प्रजेंस दिखनी भी चाहिए। कलेक्टर ने कमजोर प्रगति वाले जनपद के सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने कहा कि आपत्तियों के निराकरण में पूरी गंभीरता बरते और नियमों के प्रतिकूल होने पर उचित कारणों के आधार पर ही कोई आवेदन निरस्त किया जाये। किसी भी पात्र हितग्राही का रिजेक्सन हुआ तो सीईओ जनपद और सीएमओ नगरीय निकाय पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान की 67 सेवाओं से संबंधित सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों के निराकरण की विभागवार समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि 31 मई तक सभी विभागों की ऐसी लंबित शिकायतें शून्य हो जानी चाहिए। इनमें खाद्य की 1215, स्वास्थ्य की 489, ग्रामीण विकास 422, महिला बाल विकास 275, सामाजिक न्याय 256, उर्जा 224 शिकायतें अभी भी लंबित है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अच्छा कार्य किया है। उन्होंने 1315 लंबित शिकायतों में से 712 शिकायतें बंद की है। समय सीमा की बैठक में राज्य शासन की नई योजना मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का पावर प्रजेन्टेशन दिया गया। सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों को गंभीरता से देखे कलेक्टर अनुराग वर्मा ने विभागवार लंबित सीएम हेल्पलाईन की समीक्षा में कहा कि सभी विभाग इन शिकायतों को गंभीरता से देखे और निराकरण करें। अभी की स्थिति में 15 हजार 352 शिकायतों के साथ सतना जिला 14 वें स्थान पर है। यदि प्रयास नहीं हुये तो रैंक गिरकर निम्न प्रदर्शन के जिलों में जा सकती है। उन्होंने कहा कि मई माह की शिकायतों को 2 हजार तक ले जाये तो ग्रेडिंग में सुधार होगा। अविवादित नामांतरण के लिये कल चलेगा अभियान कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान 2 के तहत मंगलवार 30 मई को पूरे जिले में अविवादित नामांतरण के निराकरण का अभियान चलाये।
उन्होंने कहा कि सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार ऐसे प्रकरण छॉट लें, जिनमें इश्तहार का टाइम पूरा हो चुका है। उन सभी केस में पटवारियों की आज ही रिपोर्ट लगवाये। कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण के आदेश जारी कर निराकरण करे। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में 6645 नामांतरण के केस लंबित है। इनमें किये जाने योग्य अविवादित नामांतरण के प्रकरणों का लक्ष्य 3 हजार प्रकरण कम से कम निर्धारित करे। खाद्य अधिकारियों की एक सप्ताह की वेतन काटने के निर्देश लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा के दौरान बार-बार निर्देशों के बाद मोबाइल सीडिग और खाद्यान्न वितरण में सुधार नहीं होने पर कलेक्टर वर्मा ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के एक सप्ताह की वेतन काटने के निर्देश जिला कोषालय अधिकारी को दिये हैं। कई विकासखण्डों की राशन दुकानों में अभी अप्रैल माह के खाद्यान्न वितरण किये जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की।
उन्होंने एसडीएम और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया कि गड़बड़ी और लापरवाही करने वाली डिफाल्टर राशन दुकानों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराये। पीएचई उपयंत्री ब्लाक में बैठे कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले के जनपद और नगरीय निकाय क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिए ग्रीष्मकाल का शेष एक माह महत्वपूर्ण है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ अपने क्षेत्र के एसडीएम के सम्पर्क में रहे और उपयंत्री अपने निर्धारित विकासखण्ड मुख्यालय पर उपस्थित रहकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के आवेदनों का निराकरण करे।
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