इंदौर | 21 दिन में 5वीं बार शहर में जलजमाव हुआ। ऐसा नहीं कि एकमुश्त 10 से 12 इंच बारिश हो गई हो। महज ढाई इंच बारिश में ऐसे हाल हो गए। इससे पहले जुलाई में ही एक से डेढ़ इंच बारिश में जलजमाव के हालात बन चुके हैं। शुक्रवार को लोग नींद से जागे तो घरों के सामने नदी-तालाब जैसा मंजर था।
50 से ज्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया था। सड़कें भी पानी में डूबी हुई थीं। 35 से ज्यादा शिकायतें निगम कंट्रोल रूम पहुंची। प्रेमसुख टॉकीज के समीप तोड़ा क्षेत्र में रिवर साइड रोड पुलिस चौकी के समीप से तोड़ा के 50 से ज्यादा मकानों में नाले का पानी घुस गया। कई लोग सामान लेकर अन्य स्थानों पर चले गए।
इन कॉलोनियों में भरा पानी
चंदननगर के पीछे गीतानगर, चोइथराम मंडी के पास अमर पैलेस, मार्तंड नगर, सोनिया गांधी नगर, सुदामानगर डी सेक्टर, पालदा स्थित शिव-पार्वती नगर, शिवकंठ नगर, कृष्णबाग, पल्हर नगर, रसोमा, समाजवादी इंदिरा नगर, पलसीकर कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर, जूनी इंदौर, 60 फीट रोड, रवींद्र नगर, ओल्ड पलासिया, पलाश पैलेस, बंगाली चौराहा, वैभव नगर, छोटा बांगड़दा, वेंकटेश नगर, महावीर बाग सरकारी स्कूल के सामने।
ये सड़कें नहर जैसी बन गईं
एमआर 10 पर स्टार चौराहा, रिंग रोड पर बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहा, रेडिसन, रोबोट चौराहा, खजराना, बंगाली चौराहा, बीआरटीएस।
सुबह 5.30 : घरों तक पहुंचा पानी, निगम की टीमें 8 बजे पहुंची
तोड़ा निवासी अमन वर्मा ने बताया सुबह 5 बजे नाले का जल स्तर बढ़ने लगा। साढ़े 5 बजे तक पानी घर के दरवाजे तक पहुंच चुका था। हमने तत्काल सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। 8 बजे बाद निगम की टीमें मोटर लेकर पहुंची और पानी निकालना शुरू किया।
कबूतर खाना निवासी मौसीन ने बताया बारिश में नाले का पानी घरों तक आ गया। हर बार जरा सी बारिश के बाद यही स्थिति बनती है। हमें घर छोड़कर दूसरी जगह पर शिफ्ट करना पड़ता है। पूरा दिन पानी निकालने और सफाई में निकल जाता है।
1980 के बाद जितनी भी कॉलोनी बनी, उनमें पानी की निकासी के लिए योजनाबद्ध काम नहीं हुआ
1980 के बाद शहर में जितनी भी कॉलोनी बनी, उनमें कहीं भी बारिश के पानी की निकासी के लिए योजनाबद्ध काम नहीं हुआ है। शहर की भौगोलिक स्थिति, भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध टोपोग्राफिक सीट का पुल-पुलिया और सड़क के लेवल आदि बनाने में उपयोग नहीं हुआ है। इससे शहर के प्राकृतिक बहाव के जो रास्ते और जगहें थीं, वे अवरुद्ध हो गए हैं। इसके लिए नगर निगम, आईडीए, पीडब्ल्यूडी सहित टाउन एंड कंट्री विभाग तीनों ही जिम्मेदार हैं। तीनों ही विभागों ने बारिश को लेकर ध्यान नहीं दिया है। बारिश के पानी के लिए एक मास्टर प्लान और कार्ययोजना बनाना चाहिए।
50 से अधिक कॉलोनियों में पानी भरा, सड़कें जलमग्न, 35 से अधिक स्थानों से आई शिकायतें
नंबर 1 शहर के इंतजाम ढाई इंच बारिश से निपटने के लायक भी नहीं
Q. 1 से 2 इंच में जलजमाव हो रहा। ऐसी कैसी व्यवस्थाएं हैं निगम की?
A. बहुत जगह स्टॉर्म वाटर लाइनें नहीं डली हैं। नए-नए डिवाइडर बने हैं। उनमें जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर इनसे पानी रुक रहा।
Q. डिवाइडर निर्माण के दौरान इनमें पानी निकासी के इंतजाम पर ध्यान क्यों नहीं दिया?
A. यह सही है कि निर्माण के दौरान ही जल निकासी को लेकर प्रबंध होना थे, जो नहीं हुए हैं। सभी स्थानों को चिह्नित कर काम करवाएंगे।
Q. निगम की लापरवाही शहर कब तक भुगतेगा, ठोस इंतजाम क्यों नहीं किए जाते?
A. आगामी एमआईसी बैठक में इस विषय पर गंभीरतापूर्वक चर्चा करेंगे। बारिश के पहले ही स्टॉर्म वाटर लाइन की सफाई और जहां-जहां पानी भर रहा है, वहां पर मैप बनाकर काम करेंगे।