रामपुरा। अत्यधिक बारिश एवं गांधीसागर बांध में अत्यधिक जल भराव के कारण रामपुरा क्षेत्र में निवासरत हाड़ा खेड़ी समिति के सभी मछुआरो जो गांधीसागर जलाशय के में मत्स्याखेट कर अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। अत्यधिक बारिश के कारण जल प्रवाह में समस्त सदस्यो की जाल बह कर चली गई जिसके कारण सभी मछुआरो को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है एवं मछुआरो के सामने भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। एक तरफ संपूर्ण जिला प्रशासन निचली बस्तियों में रह रहे रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में लग रहा, परंतु प्रशासन द्वारा बड़ी चूक करते हुए गांधी सागर जलाशय के बैकवॉटर में मत्स्याखेट कर रहे 2000 मछुआरों के जीवन के प्रति कोई ठोस कदम ना उठाते हुए उन्हें बीच पानी में ही रहने दिया। जबकि उक्त जल प्रवाह में किसी भी मछुआरे की जान पर बन सकती थी ऐसे में मछुआरों को पानी से बाहर नहीं निकाल कर मत्स्य महासंघ द्वारा ठेकेदार के दबाव में आकार मछुवारो की जान के साथ खेला गया है।
जिसके कारण मछुआरों की सभी जाल एवं रोजगार के साधन जिसके साथ मछुआरे मत्स्याखेट कर अपने परिवार का जीवन यापन करते थे वह जल प्रवाह में बह कर चली गई। अभी वर्तमान में मछुआरों ने 15 दिन पहले ही नई जाल उधार पैसे से खरीद कर अपना रोजगार चालू किया था। ऐसे में उनकी जाल पानी में बहकर चल जाने से उन पर दोहरी मार गिरी है। एक तरफ बाजार का उधार एवं दूसरी तरफ नए सिरे से काम करने को लेकर उनके पास ना तो पैसा है ना ही वापस उधार लाने की क्षमता। उक्त जल प्रवाह में प्रति मछुआरा कम से कम 25000 रूपए का जाल बहकर जल प्रवाह के साथ चला गया। अतः मछुआरो के साथ हुए इस घटनाक्रम पर तुरंत संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर मछुआरो को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वह पुनः अपना रोजगार प्रारंभ कर सके।