खरगोन। कसरावद जनपद के ग्राम रेगवा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत 5 तलाई निर्माण योजना में जेसीबी से खुदाई निर्माण कार्य अब तक अधूरा चार चार लाख रुपये से अधिक की उक्त योजना में अपने जॉब कार्ड धारी रिश्तेदारों के खातों में पैसा डालकर सरपंच, सचिव, इंजीनियर, रोजगार सहायक, ने अपनी तिजोरिया भरली गई। ग्रामीण मजदूरों को काम नहीं दिया गया। जिससे ग्रामीण मजदूर पलायन करने को हुए मजबूर। पलायन करने वाले मजदूरों को दूसरे राज्यों में बंधक भी बना लिया जाता है। कई बार तो खरगोन अधीक्षक महोदय द्वारा बंधक बनाए गए मजदूरों को लाया गया है। और मध्य प्रदेश सरकार भले ही ग्रामीणों के लिए रोजगार देने की बात करती हो इसकी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्रामीणों के रोजगार को लेकर चार चार लाख से अधिक राशि की 5 तलाई निर्माण की स्वीकृति मिली थी। लेकिन मजदूर की जगह प्रतिबंधित जेसीबी से खुदाई हो गई। और 1 भी तलाई की पिचिंग नहीं की गई। योजना का बोर्ड भी कार्य स्थल पर नहीं लगा है। कार्य सौ फ़ीसदी जॉब कार्ड धारी मजदूरों से कराना था। लेकिन जेसीबी से अधूरे तलाई निर्माण को लेकर पंचायत के सरपंच, सचिव, इंजीनियर, रोजगार सहायक, द्वारा शिकायतकर्ताओं को भी डराया धमकाया जाता है के हमारे खिलाफ अगर कोई शिकायत की गई तो तुम्हें एससी-एसटी के तहत तुम्हारी रिपोर्ट करवा दूंगा। जिसको लेकर ग्राम रेगवा पंचायत के पंचों आज एसडीम महोदय को ज्ञापन देकर उचित जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
ग्राम रेगवा पंचायत के पंचों का कहना है कि इसमें सरपंच, सचिव,व इंजीनियर और रोजगार सहायक की मिलीभगत है। जहां सैकड़ों मजदूर रोजगार से वंचित हैं वहीं उन्हें काम नहीं दिया जा रहा। ग्रामीणों ने कसरावद एसडीएम से जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।