रतलाम। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की अंतिम सूची जल्दी ही जारी होने वाली है। दोनों ही पार्टी के टिकट के दावेदार दिल्ली और भोपाल की दौड़ लगा रहे हैं। टिकट के लिए घमासान भाजपा की बजाय कांग्रेस में अधिक दिखाई दे रहा है। रतलाम जिले की आलोट, रतलाम ग्रामीण और जावरा विधानसभा सीट के टिकट के लिए कांग्रेसी दावेदारों में रस्साकशी का दौर जारी है। हालांकि विरोध का पैटर्न तीनों विधानसभा क्षेत्र में रोचक बना हुआ है। रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बाहरी उम्मीदवारों का विरोध स्थानीय कांग्रेस नेता कर रहे हैं लेकिन इसके ठीक विपरीत जावरा और आलोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के स्थानीय दावेदार का विरोध बाहरी कांग्रेसी नेता कर रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस में टिकट को लेकर विरोध की शुरुआत रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से हुई जहां कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार लक्ष्मण सिंह डिंडोर, कोमल धुर्वे और डॉ अभय ओहरी का विरोध स्थानीय कांग्रेसी नेता इसलिए कर रहे हैं कि तीनों दावेदार रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी नहीं है। इसके लिए युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव किशन सिंगाड़ के नेतृत्व में भोपाल में पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले के बाहर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। स्थानीय को टिकट देने की मांग पूर्व विधायक लक्ष्मी देवी खराड़ी और 2018 में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे थावर भूरिया सहित एक दर्जन से अधिक कांग्रेसी नेताओं ने की है। लेकिन जिले की जावरा और आलोट विधानसभा क्षेत्र में इसके ठीक विपरीत बाहरी नेता स्थानीय को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं।
आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक मनोज चावला को पार्टी ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है। जिसे लेकर आलोट से टिकट की दावेदारी कर रहे कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू और उनके समर्थको ने विरोध दर्ज करवाया है। मनोज चावला को टिकट दिए जाने के विरोध में प्रेमचंद गुड्डू के समर्थ कौन है 19 अक्टूबर को आलोट में कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया है।