ग्वालियर। आगरा से ग्वालियर आ रही पातालकोट एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लग गई। यात्री एक-दूसरे पर गिरते हुए जान बचाकर भागे। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक ने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। अच्छी बात यह रही कि चेन पुलिंग करने की वजह से ट्रेन की स्पीड धीमी हो गई थी।
पंजाब के फिरोजपुर कैंट से मध्यप्रदेश के सिवनी के बीच चलने वाली 14624 पातालकोट एक्सप्रेस की दो जनरल बोगियों में बुधवार दोपहर 3.45 बजे आग लग गई। ट्रेन आगरा से ग्वालियर के लिए निकली थी कि 10 किमी बाद भांडई स्टेशन के पास हादसा हो गया। ट्रेन का तीसरा और चौथा जनरल डिब्बा पूरी तरह जल गया। 10 से ज्यादा यात्री झुलसे हैं।
डेली चलने वाली यह ट्रेन शाम 4.05 बजे ग्वालियर आती है, लेकिन बुधवार को 6.18 घंटे की देरी से रात 10.20 बजे आ सकी। 10.25 पर ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। पातालकोट के कुछ यात्री दुर्ग एक्सप्रेस और हमसफर से ग्वालियर तक आए।
पातालकोट के एस -5 कोच की 4 नंबर सीट पर सफर कर रहे दिलेर सिंह ने बताया, अचानक बहुत ज्यादा धुआं उठा। स्मैल आने पर शोर हुआ कि आग लग गई। ट्रेन रुकने पर मैं अपनी बोगी से उतरा। देखा तो जनरल बोगियों से धुआं और लपटें उठ रही थीं। सामान निकालने की कोशिश में दो युवकों के कपड़ों में आग लग गई। वे झुलस गए। मैं और 200 से 300 लोग बाद में दुर्ग एक्सप्रेस पकड़कर ग्वालियर तक आए। मुझे सारणी जाना है।
दिलवर सिंह जाट का कहना है, ट्रेन के अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगे। मैंने पूछा कि गाड़ी रुक क्यों गई? एक यात्री ने बताया कि आग लग गई है। ट्रेन रुकने पर उतरकर देखा तो बोगियों में भयंकर आग लगी थी। कुछ लोग झुलस गए। आधा घंटे बाद एंबुलेंस आई। बाद में जले हुए डिब्बों को अलग किया गया।