सीहोर। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष अमिताभ मिश्र ने जिला जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेल में महिला सेल, पाकशाला, वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष, जेल डिस्पेंसरी, अन्य बंदियों के बैरक आदि का निरीक्षण किया। महिला सेल के निरीक्षण के दौरान महिला बंदियों के साथ निरूद्ध बच्चों के पोषण, भोजन, स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के सम्बंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बंदियों की समस्याओं को सुना तथा त्वरित निराकरण के लिएसम्बंधितों को निर्देशित किया।
निरीक्षण के पश्चात जिला जेल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया। शिविर में प्रधान जिला न्यायाधीश अमिताभ मिश्र ने बंदियों को बताया कि आपके बचाव के लिए गुणवत्तापूर्ण पैरवी को दृष्टिगत रखते हुए लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स की नियुक्ति की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बंदियों के अधिकारों का संरक्षक है। किसी भी बंदी को जेल में निरोध के दौरान अधिवक्ता नियुक्ति प्रकरण की अद्यतन जानकारी एवं जेल से सम्बंधित कोई भी समस्या होने पर वह तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित कर सकते है। प्रत्येक व्यक्ति के प्रकरण का त्वरित निराकरण हो एवं उसे यथाशीघ्र न्याय प्राप्त हो सके, इसके लिए हम सभी तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी बताया कि गलती किसी से भी हो सकती है, किन्तु जेल में निरूद्ध होने से किसी भी बंदी के संपत्ति एवं अन्य अधिकार समाप्त नहीं होते है एवं उनका कोई हनन नही कर सकता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने जेल में बंदियों को उनके अधिकार, लीगल एड डिफेंस काउंसिल योजना, प्ली बारगेनिंग, निःशुल्क विधिक सहायता योजना, मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना एवं नालसा, सालसा की योजनाओं, शासन की अन्य योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।